प्रयागराज, 30 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) को एक वकील पर पुलिस द्वारा कथित हमले की जांच करने और 8 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। एटा में वकील और उसके परिवार पर कथित पुलिस हमले का संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने सीजेएम को जांच के दौरान सभी प्रासंगिक ऑडियो-विजुअल, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और दस्तावेजों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया और पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा।
हाईकोर्ट की खंपीठ ने एटा जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सीजेएम द्वारा मांगे गए सभी संबंधित तथ्य और दस्तावेज देने का भी निर्देश दिया। अदालत ने 8 जनवरी को अगली सुनवाई की तारीख तय की है।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल, जो कि राज्य में अधिवक्ताओं की सर्वोच्च संस्था है, ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर 21 दिसंबर को हुए हमले पर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
पत्र के अनुसार, एटा में एक एडवोकेट राजेंद्र शर्मा के साथ पुलिस ने बदतमीजी की और पिटाई की। पुलिस ने उनके रिश्तेदारों को भी परेशान और अपमानित किया।
इसी घटना पर चीफ जस्टिस के सचिवालय को इलाहाबाद कोर्ट के बार एसोसिएशन (एचसीबीए) की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ था। इसके अलावा, कई अधिवक्ताओं ने ई-मेल के जरिए इस मुद्दे को उठाया था।
मामले का संज्ञान लेते हुए अदालत ने कहा, इन पत्रों में दिए गए तथ्यों पर विचार करने के बाद, हम एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से घटना की पूरी रिपोर्ट मांगना उचित समझते हैं।