मुंबई, 6 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)| हजारों की संख्या में किसान, मजदूर, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित कई महिलाओं ने देश भर में सड़कों और राजमार्गो पर राष्ट्रव्यापी ‘चक्का जाम’ के आह्वान के तहत आंदोलन में भाग लिया और दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की। संयुक्ता किसान मोर्चा के प्रवक्ता पीएस प्रसाद के अनुसार , “कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच कार्यकर्ताओं ने राज्य के 36 जिलों में से मुंबई सहित 34 जिलों के प्रमुख सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य महत्वपूर्ण मार्गो को अवरुद्ध कर दिया। कार्यकर्ताओं ने चौराहों पर तख्तियां लहराईं, नारे लगाए और भक्ति या देशभक्ति के गीत गाए।”
भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर, आंदोलन में सभी प्रमुख दलों जैसे शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, वाम दलों के साथ-साथ अखिल भारतीय किसान सभा, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन(एसएसएस), विदर्भ जन आंदोलन समिति और भारतीय किसान सेना जैसे किसान संगठनों की भागीदारी देखी गई।
प्रसाद ने आईएएनएस को बताया, “पालघर, ठाणे, रायगढ़, पुणे, कोल्हापुर, सोलापुर, नाशिक, अहमदनगर, उस्मानाबाद जैसी जगहों पर किसानों, कार्यकर्ताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम में शांतिपूर्वक भाग लिया।”
दिल्ली में किसानों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए, एनसीपी के राज्य अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि स्वतंत्र भारत में यह पहली बार हुआ है कि केंद्र सरकार इस तरह से ‘लोगों से भाग’ रही है।
पाटिल ने कहा, “सरकार लोगों, किसानों और श्रमिकों का सामना करने से डर रही है, इसलिए वह सड़कों पर किलों और बैरिकेडिंग जैसी रणनीति का सहारा ले रही है।”
कोल्हापुर में एक आंदोलन का नेतृत्व करते हुए, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र सरकार के पक्ष में बोलने वाली तथाकथित हस्तियां भूल जाती हैं कि यह ‘करोड़ों आम जनता’ हैं, जिन्होंने उनके स्टेटस को उठाया है।
नासिक में, एसएसएस के प्रदेश अध्यक्ष संदीप जगताप ने ‘चक्का जाम’ की अगुवाई की, बुलढाणा के एसएसएस नेता प्रशांत दिक्कर ने राजमार्गों पर प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया।