चीन के कोरोना टीका से विकासशील देशों को आशा मिली

बीजिंग, 8 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| हाल में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विशेष प्रतिनिधि की हैसियत से संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लिया और कहा कि चीन कोरोना टीकों का तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण तेज कर रहा है। अनुसंधान पूरा करने और प्रयोग में लाने के बाद चीन इसे वैश्विक सार्वजनिक उत्पाद बनाएगा और सक्रियता से विकासशील देशों को देगा। चीन की यह योजना पहले ही प्रस्तुत की जा चुकी है, लेकिन इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिर से पेश हुई। अब टीके शीघ्र ही बाजार में आएंगे। चीन ने फिर एक बार अपनी इच्छा जतायी। बताया जाता है कि इस साल चीन के 60 करोड़ कोरोना टीके बाजार में मिलेंगे।

अब चीन का वचन साकार हो चुका है। इंडोनेशिया ने 6 दिसंबर को चीन के पहले खेप के कोरोना टीके स्वीकार किये हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि कोरोना टीके का उत्पादन हो चुका है, हमें चीन के 12 लाख टीके मिले हैं। ऐसे में हम शीघ्र ही महामारी का फैलाव रोक सकेंगे। इंडोनेशिया सरकार बड़े पैमाने पर टीका लगाने की योजना शुरू करेगी। रिपोटरें के अनुसार तुर्की भी इस महीने के अंत में चीन द्वारा विकसित कोरोना टीका लगाने की योजना लागू करेगा, वहीं लैटिन अमेरिका के कुछ देश भी आने वाले महीनों में क्रमश: चीन के टीके स्वीकार करेंगे।

कोरोना टीके में हासिल प्रगति से हमें विश्वास मिला है और महामारी खत्म करने की आशा नजर आयी है। महामारी की रोकथाम में बड़े मुख्य देशों को आदर्श की भूमिका निभानी चाहिए। हालांकि टीका मिला है, लेकिन हमें फिर भी सार्वजनिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए और रोकथाम के कदम उठाने चाहिए, ताकि सभी लोगों की रक्षा की जा सके।

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