वाशिंगटन, 11 सितंबर (युआईटीवी/आईएएनएस) अमेरिकी एयरोस्पेस और रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी नॉथ्रेप ग्रुमैन ने दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर एक स्पेसक्राफ्ट का नाम रखा है। कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला थीं। स्पेसक्राफ्ट का नाम एस.एस. कल्पना चावला रखा जाएगा, यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) तक कार्गो ले जाएगा।
कंपनी ने कहा, “पूर्व अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर एनजी -14 सिग्नस स्पेसक्राफ्ट का नाम रखने को लेकर नॉथ्र्राॅप ग्रुमैन को गर्व है।”
सिग्नस स्पेसक्राफ्ट ‘एस.एस. कल्पना चावला’ को ले जाने वाले एंटेरास रॉकेट का प्रक्षेपण 29 सितंबर को वर्जीनिया के वॉलॉप्स द्वीप से होने वाला है।
नॉथ्र्राॅप ग्रुमैन ने कहा कि यह कंपनी की परंपरा रही है कि प्रत्येक सिग्नस का नाम एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर रखा जाए, जिसने मानव अंतरिक्ष यान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो।
कल्पना चावला का जन्म 1 जुलाई, 1961 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। वह पहली बार 1997 में अंतरिक्ष में गई थी और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली दूसरी भारतीय सदस्य बनीं।
उन्होंने 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की और 1984 में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस-आलिर्ंगटन से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। उन्हें 1988 में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी से सम्मानित किया गया।
नासा के अनुसार, चावला ने एसटीएस-87 (1997) और एसटीएस-107 (2003) में उड़ान भरी थी और 30 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट में अंतरिक्ष में प्रवेश किया था।
साल 2003 में कोलंबिया अंतरिक्ष यान आपदा में उनकी मृत्यु हो गई। पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश के दौरान टेक्सस में शटल विध्वंस हो गया था। यह हादसा निर्धारित लैंडिंग से मात्र 16 मिनट पहले हुआ था।