वाघा – अटारी सीमा समारोह

बेंगलुरु, 9 सितंबर( युआईटीवी )- वाहगा पाकिस्तान के वाघा क्षेत्र में स्थित एक गाँव है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच माल पारगमन टर्मिनल और रेलवे स्टेशन के रूप में कार्य करता है। यह स्थान प्रत्येक दिन सूर्यास्त से दो घंटे पहले आयोजित वाघा-अटारी बॉर्डर समारोह के लिए भी प्रसिद्ध है। ब्रिटिश भारत के विभाजन के समय इस गाँव को पार करते हुए सीमा पार रेखा खींची गई थी। स्वतंत्रता के समय भारत के प्रवासी इस सीमा के माध्यम से पाकिस्तान में प्रवेश करते थे। वाघा पाकिस्तान की तरफ और भारत की तरफ अटारी का आखिरी गाँव है।

समारोह सीमा द्वार पर होता है। झंडे का समारोह दोनों देशों के सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित किया जाता है जो पाकिस्तानी रेंजर्स और भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) हैं। समारोह दोनों देशों के सैनिकों द्वारा परेड के साथ शुरू होता है और ध्वज के समन्वित निचले स्तर के साथ समाप्त होता है। प्रत्येक शाम एक मार्चिंग समारोह को ‘सिल्ली वॉक सेरेमनी’ के रूप में जाना जाता है, जिसे ध्वज समारोह के साथ आयोजित किया जाता है। इसे 1986 में शांति के समझौते के रूप में शुरू किया गया था, यहां तक कि उस समय दोनों देशों के बीच संघर्ष भी हुआ था।

भारत में 360 फीट लंबाई का सबसे बड़ा ध्वज पोल अगस्त 2017 में अटारी में स्थापित किया गया था। इस समारोह में दोनों क्षेत्रों के और अन्य देशों के भी कई आगंतुक आते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *