विदेश मंत्री एस. जयशंकर

10वीं भारत-कोरिया संयुक्त आयोग की बैठक सियोल में,नए क्षेत्रों में सहयोग का एस. जयशंकर ने किया आह्वान

नई दिल्ली,6 मार्च (युआईटीवी)- 10वीं भारत-कोरिया संयुक्त आयोग की बैठक दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में बुधवार को आयोजित हुई। इस बैठक में सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने का विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आह्वान किया।

इस यात्रा पर रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और नीति आयोग के प्रतिनिधि भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ हैं। अपने उद्घाटन भाषण में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दोनों देशों के मध्य अत्यधिक सद्भावना की बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में लागातर मजबूती आई है।

अपने कोरियाई समकक्ष चो ताए-यूल के साथ एस. जयशंकर ने भारत-कोरिया संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की। भारत-कोरिया संयुक्त आयोग के बारे में एस. जयशंकर ने कहा कि मैं बहुत आशावाद और अपेक्षा के साथ इस संयुक्त आयोग को देखता हूँ। मुझे मालूम है कि हमारे बीच जो सद्भावना है,वह बहुत ही जबरदस्त और मजबूत है। इसे व्यावहारिक परिणामों में परिवर्तित करना हमारी चुनौती है।

50 वर्ष पूर्व दोनों देशों के मध्य राजनयिक संबंधों की स्थापना हुई थी,जिसका पिछले साल हमने 50वीं वर्षगाँठ मनाई थी। दोनों देशों के रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2015 में सियोल की यात्रा पर भी गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 की सियोल यात्रा के दौरान निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की भी विदेश मंत्री ने चर्चा की।

दोनों देशों भारत और कोरिया के मध्य हुए व्यापार, निवेश, रक्षा आदि में द्विपक्षीय आदान-प्रदान और सहयोग पर प्रकाश डालते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि द्विपक्षीय आदान-प्रदान और सहयोग में हम खरे उतरें। लगातार हम मजबूत हुए हैं। एक-दूसरे के लिए हम वास्तव में बीते वर्षों में महत्वपूर्ण हिस्सेदार बन गए हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नए क्षेत्रों में सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि भारत सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों में गति बनाए रखने के साथ नए क्षेत्रों जैसे-महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियाँ,हरित हाइड्रोजन,अर्धचालक,परमाणु सहयोग,मानव संसाधन गतिशीलता,आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन आदि में विस्तार हेतु बहुत इच्छुक है ।

भारत और कोरिया के विचारों में अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर समानता बढ़ी है। हिंद-प्रशांत के महत्व को रेखांकित करते हुए एस. जयशंकर ने कहा कि क्षेत्र की स्थिरता,सुरक्षा और समृद्धि में भारत और कोरिया दोनों हितधारक हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार को सियोल पहुँचे,यह उनकी पहली यात्रा है। कोरिया नेशनल डिप्लोमैटिक अकादमी में एस. जयशंकर ने अपने एक संबोधन में कहा कि वैश्विक व्यवस्था को भारत और दक्षिण कोरिया पुनः सक्रिय रूप से योगदान कर आकार प्रदान करने में सक्षम हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच साझेदारी को महत्वपूर्ण बताया है और कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी का महत्त्व आज के इस अधिक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में बढ़ गया है और महत्वपूर्ण हो गया है।

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