अहमदाबाद, 18 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- वर्ष 2008 के अहमदाबाद सीरियल बम धमाकों की त्वरित सुनवाई के लिए नामित एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत 49 दोषियों में से 38 को मौत की सजा सुनाई। अदालत ने 11 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 77 लोगों में से 28 को बरी कर दिया गया और 49 को दोषी करार दिया गया।
मामले को दुर्लभ से दुर्लभतम मानते हुए विशेष अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई।
पीड़ित परिवारों के लिए, अदालत ने प्रत्येक को 1 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये और नाबालिग घायलों के लिए 25,000 रुपये का मुआवजा दिया।
कोर्ट ने दोषियों पर 2.85 लाख रुपये का जुमार्ना भी लगाया है।
फैसला आईपीसी की धारा 302 (ए) और यूएपीए की धारा 16 (1) (बी) के तहत सुनाया गया।
26 जुलाई, 2008 को शहर के विभिन्न हिस्सों में 20 बम विस्फोट हुए, जिसमें 56 लोग मारे गए और 246 अन्य घायल हो गए।
अदालत ने आठ फरवरी को मामले में 49 लोगों को दोषी ठहराया था। उन्हें भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध करने का दोषी पाया गया।