26/11 मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा (तस्वीर क्रेडिट@udaykumarroy)

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को आज भारत लाया जाएगा,एनआईए लेगी कस्टडी

नई दिल्ली,9 अप्रैल (युआईटीवी)- 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को आज,बुधवार को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया,जिसके बाद अब उसे भारत लाए जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) राणा को भारत लाएगी और यह स्पष्ट नहीं है कि उसे दिल्ली लाया जाएगा या मुंबई। हालाँकि,यह संभावना जताई जा रही है कि राणा को मुंबई लाया जाएगा, जहाँ 26/11 के योजना को अंजाम दिया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार,भारत आने के बाद मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर को शुरुआत के कुछ सप्ताह एनआईए की हिरासत में रखा जाएगा।

तहव्वुर राणा का नाम 2008 के मुंबई आतंकी हमले में प्रमुख आरोपी के तौर पर लिया जाता है,जिसमें 157 लोग मारे गए थे। राणा का नाम उस हमले के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया था,जिसने पाकिस्तान से आतंकवादियों को मुंबई भेजने में मदद की थी। राणा का प्रत्यर्पण अमेरिका से भारत लाने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी और अब जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया है,तो उसे जल्द-ही भारत लाया जाएगा।

अमेरिकी अदालत ने राणा की उस याचिका को खारिज कर दिया थी,जिसमें उसने भारत में अपने प्रत्यर्पण को रोकने की माँग की थी। राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह अर्जी प्रस्तुत की थी,जिसमें उसने भारत भेजे जाने से पहले सुरक्षा की चिंता जताई थी। राणा ने तर्क दिया था कि भारत में उसे यातना का खतरा हो सकता है और इसका उल्लंघन संयुक्त राष्ट्र के यातना विरोधी कन्वेंशन और अमेरिकी कानूनों का भी होगा। हालाँकि,अमेरिकी अदालत ने इन दलीलों को नकारते हुए राणा की याचिका को खारिज कर दिया।

इसके पहले,27 फरवरी को राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका’ पर रोक लगाने के लिए आपातकालीन आवेदन दिया था। वह अपने प्रत्यर्पण और भारत में आत्मसमर्पण पर रोक लगाने की माँग कर रहा था, ताकि उसके मामले पर लंबी सुनवाई हो सके। राणा ने यह दावा किया कि भारत में उसे उचित न्याय नहीं मिलेगा और उसे वहाँ यातना का सामना करना पड़ सकता है,लेकिन अमेरिकी अदालत ने उसकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उसके प्रत्यर्पण में कोई कानूनी अड़चन नहीं है।

7 मार्च को भारत ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा था कि वह राणा के प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए काम कर रहा है। इस प्रक्रिया में भारत और अमेरिका दोनों मिलकर काम कर रहे थे,ताकि राणा को शीघ्र भारत लाया जा सके। इस बीच,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। ट्रंप के इस फैसले के बाद भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ा और अब राणा को भारत लाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के बाद यह सवाल उठता है कि वह भारत में किस प्रकार की कानूनी प्रक्रिया से गुजरेंगे। भारत में उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहाँ उसके खिलाफ 26/11 के हमले के आरोपी के रूप में कार्रवाई शुरू होगी। राणा पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को मुंबई में आतंकवादी हमले के लिए प्रशिक्षित किया और उनका मार्गदर्शन किया। उसके खिलाफ भारतीय कानूनों के तहत कई गंभीर आरोप हैं और उसकी गिरफ्तारी के बाद भारत में उसे न्यायिक प्रक्रियाओं का सामना करना होगा।

राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया में यह महत्वपूर्ण मोड़ है,क्योंकि इससे पहले वह अमेरिका में गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी दलीलें देता रहा था,लेकिन अमेरिकी अदालतों ने उसकी इन दलीलों को अस्वीकार कर दिया और अब वह भारत में अपनी सजा का सामना करेगा। भारत के लिए यह एक बड़ी जीत है,क्योंकि यह 26/11 के हमले के दोषियों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग में लगातार वृद्धि हो रही है। राणा का प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के सहयोग को मजबूत करेगा और यह संकेत देगा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं।