लखनऊ, 29 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- उत्तर प्रदेश में अवैध मतांतरण के मामले में सघन अभियान में लगी एटीएस को सोमवार को भी बड़ी सफलता मिली है। यूपी एटीएस ने मतांतरण मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें बाल कल्याण मंत्रालय का इंटरप्रेटेटर इरफान ख्वाजा खान व अपना धर्म परिवर्तन कर चुके दो मूक बधिर राहुल भोला और मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान शामिल हैं। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि मतांतरण के मामले में ये तीनों लिप्त थे। यूपी एटीएस ने मतांतरण के मामले में हरियाणा के गुरुग्राम से मन्नू यादव, बीड महाराष्ट्र से इरफान शेख तथा नई दिल्ली से राहुल भोला को गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी मुख्य आरोपी मौलाना उमर गौतम और जहांगीर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद की गई है।
प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि मूक बधिरों की भाषा समझने और उन्हें अपनी भाषा समझाने वाला इरफान मूक बधिरों को ऐसा ज्ञान देने लगा, जिससे कुछ मूक बधिरों को अपने ही धर्म से नफरत होने लगी। इरफान खान मूक बधिरों को इस्लाम का ज्ञान देता था और दूसरे धर्मों की बुराइयां करता था। प्रशांत कुमार का दावा है कि इरफान तरह-तरह के प्रलोभन देकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मूक बधिरों को तैयार करता था।
एटीएस का दावा है कि इरफान और राहुल ने मिलकर मन्नू यादव का धर्म परिवर्तन कराया और इन तीनों ने मिलकर आदित्य गुप्ता का धर्म परिवर्तन कराया। प्रशांत कुमार ने बताया कि मन्नू यादव ने अपने घर के पूजा स्थल पर रखी मूर्ति को तोड़ दिया था और इस्लाम धर्म के प्रति अति कट्टर हो गया। प्रशांत कुमार ने बताया कि इन तीनों को हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ की गई। राहुल और मन्नू यादव की भाषा समझने के लिए एटीएस ने इंटरनप्रेटेटर की मदद ली।
प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि यूपी में धर्मांतरण के तार फिलीपींस के घोषित आतंकी बिलाल फिलिप से जुड़े हैं। बिलाल दोहा, कतर में इस्लामिक आनलाइन युनिवर्सिटी चलाता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित किया जा चुका है। बिलाल को 2014 में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। उमर के बिलाल से भी संबंध प्रकाश में आए हैं। उन्होंने बताया कि इस्लामिक दावा सेंटर के खातों में जनवरी 2010 से 14 जून 2021 के बीच एक करोड़ 82 लाख 83 हजार 910 रुपये जमा किए गए। इसमें काफी पैसे कैश में जमा किए गए।
एटीएस की रिमांड के दौरान पता चला कि विदेशों से होने वाली फंडिंग के लिए उमर गौतम और उसके परिवार के लोगों के खातों का इस्तेमाल किया गया। इनके खाते में इस्लामिक देशों के साथ ही कनाडा से भी बड़ा फंड आता था। मतांतरण गिरोह के तार कनाडा से लेकर कतर तक फैले हैं।