काठमांडू,22 दिसंबर (युआईटीवी)- नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भारत के साथ दीर्घकालिक ऊर्जा समझौता को मील का पत्थर साबित होने जैसा बताया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की 7वीं बैठक में भाग लेने के लिए 4 जनवरी को काठमांडू पहुंचेंगे और इस यात्रा के दौरान दीर्घकालिक ऊर्जा समझौता पर नेपाल और भारत के बीच हस्ताक्षरित होगा।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने मई-जून में भारत का यात्रा किया था और इस दौरान दोनों देशों ने एक दीर्घकालिक ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर करने पर सहमति जताई थी। इस ऊर्जा समझौते के अनुसार,नेपाल से 10 वर्षों में भारत 10,000 मेगावाट बिजली का आयात करेगा। लेकिन उस समय औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया जा सका था।
अब औपचारिक रूप से दीर्घकालिक अंतर-सरकारी ऊर्जा व्यापार समझौते को दोनों देशों ने सहमति दे दी है और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर नेपाल यात्रा पर जाएँगे,तब इस औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएँगे।
शुक्रवार को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने दूसरे सबसे बड़े ऊर्जा सब स्टेशन का उद्घाटन किया और कहा कि शीघ्र ही भारत को बिजली निर्यात करने के उद्देश्य से हम भारत के साथ दीर्घकालिक ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं।
काठमांडू में नेपाल-भारत के बीच मध्यावधि और दीर्घकालिक ऊर्जा व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएँगे। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि इस समझौते के लिए वरिष्ठ भारतीय अधिकारी भी काठमांडू पहुँच रहे हैं। 31 मई से 3 जून के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भारत का दौरा किया था और उसी दौरान 25 साल के दीर्घकालिक समझौते की शुरुआत हुई थी।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान ऐलान किया था कि भारत,नेपाल से दीर्घकालिक बिजली व्यापार समझौते के तहत 10 वर्षों में 10,000 मेगावाट बिजली खरीदेगा।