नई दिल्ली, 26 सितंबर (युआईटीवी)- तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को कैश फॉर जॉब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार,26 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में जून 2023 में गिरफ्तार किया गया था। डीएमके के वरिष्ठ नेताओं में शामिल सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे में देरी के आधार पर जमानत दी है।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की दो-जजों की पीठ ने कहा कि केए नजीब मामले में अदालत ने 2021 के फैसले की व्याख्या यह निर्धारित करने के लिए किया है कि विशेष कानूनों में जमानत की उच्च सीमा तथा मुकदमे में देरी एक साथ नहीं हो सकती।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत पर कठोर शर्तें और अभियोजन में देरी एक साथ नहीं चल सकती। हालाँकि,बालाजी को जमानत देने पर जस्टिस एएस ओका और एजी मसीह की पीठ ने कड़ी शर्तें रखीं हैं। तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और विधायक सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। उन पर कथित नौकरी के लिए पैसे देने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने किया और बालाजी का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने किया। 12 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उनकी याचिका को 28 फरवरी को मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से खारिज कर दिया गया था। बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा था कि यदि इस प्रकार के मामले में उन्हें जमानत देकर रिहा कर दिया जाता है,तो इससे गलत संकेत जाएगा और यह व्यापक रूप से जनहित के खिलाफ होगा। जब बालाजी के जमानतयाचिका को हाई कोर्ट में कर दिया गया,तो उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दायर की।
ईडी ने 14 जून को बालाजी को नौकरी के लिए नकदी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था,उस समय एआईएडीएमके सरकार में सेंथिल बालाजी परिवहन मंत्री थे। यह मामला तमिलनाडु परिवहन विभाग में बस कंडक्टरों की नियुक्ति और ड्राइवरों तथा जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। बालाजी ने 13 फरवरी को अपनी गिरफ्तारी के आठ महीने बाद तमिलनाडु मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
इस मामले में बालाजी के खिलाफ ईडी ने 12 अगस्त 2023 को 3,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था,जिसमें उन पर आरोप लगाया गया था कि नौकरी के इच्छुक लोगों से पूर्व मंत्री ने रिश्वत लेने के लिए अपने भाई एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 अक्टूबर को बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उनकी जमानत याचिका को एक स्थानीय अदालत ने भी तीन बार खारिज की थी।