पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज शरीफ

कश्मीर मुद्दे पर अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान ने भारत को ‘निर्णायक जवाब’ देने की दी धमकी

संयुक्त राष्ट्र,28 सितंबर (युआईटीवी)- कश्मीर मुद्दे को उठाने के प्रयास में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज शरीफ वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ चुके हैं,संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को मोहम्मद शहबाज शरीफ ने अपने उग्र भाषण में भारत पर “सीमित युद्ध” की तैयारी करने का आरोप लगाया और ‘निर्णायक जवाब’ देने की धमकी दी।

शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान के कब्जे में मौजूद कश्मीर के हिस्से पर कब्जा करने के मकसद से भारत एक औचक हमला और परमाणु हमले के तहत सीमित युद्ध की तैयारी कर रहा है।

उन्होंने यह काल्पनिक खतरे की बात कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के कहानी की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए कही। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज शरीफ ने कहा कि,मैं स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूँ कि भारतीय द्वारा किए जाने वाले किसी भी हमले का पाकिस्तान सबसे निर्णायक तरीके से जवाब देगा।

यह एक तरह से अशुभ संकेत हैं,ऐसा पहले भी पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध सहित तीन युद्ध की विभीषिका को देखा गया है।

शरीफ ने जोर देकर कहा कि,”पाकिस्तान के पारस्परिक,रणनीतिक,संयमित शासन के प्रस्तावों को भारत ने बिना कुछ सोचे-समझे ठुकरा दिया है और इसके नेतृत्व ने अक्सर ही नियंत्रण रेखा पार करने” तथा उसके कब्जे वाले क्षेत्रों पर कब्जा करने की धमकी दी है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने बातचीत की शुरुआत करने के लिए जम्मू-कश्मीर के संबंध में अगस्त 2019 में किए गए बदलावों को रद्द करने की शर्त रखी। वहीं,भारत बातचीत की शुरुआत करने से पहले चाहता है कि पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे।

शरीफ ने कहा कि,5 अगस्त 2019 को भारत द्वारा उठाए गया कदम एकतरफा और अवैध था,यदि स्थायी शांति सुनिश्चित करना है,तो भारत को उन उपायों को वापस लेना चाहिए। जम्मू-कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार बातचीत शुरू करनी चाहिए।

हालाँकि,सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 47 को 21 अप्रैल 1948 को अपनाया गया था,जिसके मुताबिक,जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान सरकार को अपने सभी सैनिकों तथा घुसपैठियों को वापस बुलाना होगा।

उस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि,कश्मीर में हमले जारी रखने वाले आतंकवादियों को इस्लामाबाद धन या हथियार उपलब्ध नहीं कराएगा,लेकिन पाकिस्तान इसे नजरअंदाज करता रहा है।

अब तक जितने भी विश्व नेताओं ने बोला है,उनमें से किसी ने भी अभी तक कश्मीर का जिक्र तक नहीं किया है। पिछले साल कश्मीर मामले में एक मामूली संदर्भ देने वाला तुर्की ने भी इस बार कश्मीर का जिक्र नहीं किया।

जब मोहम्मद शहबाज शरीफ ने पाया कि वे अलग-थलग पड़ गए हैं,तब उन्होंने फिलिस्तीन से कश्मीर मुद्दे को जोड़ने का प्रयास किया,जिस पर पूरी दुनिया का ध्यान है।

उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोगों ने फिलिस्तीन के लोगों की तरह एक सदी तक अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए संघर्ष किया है।

कश्मीर में तैनात “90,000” भारतीय सैनिकों के बारे में भी मोहम्मद शहबाज शरीफ बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि वहाँ मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और मुसलमानों को अल्पसंख्यक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।