हरमनप्रीत सिंह

कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से हॉकी को बाहर किए जाने के फैसले को हरमनप्रीत ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया

नई दिल्ली,23 अक्टूबर (युआईटीवी)- भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से हॉकी को बाहर करने के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि उनकी टीम इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य बना रही थी। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में विश्व चैंपियन जर्मनी के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला से पहले भारतीय पुरुष टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन और हरमनप्रीत ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने कहा, “यह फैसला निराशाजनक है। हालांकि, मुझे इस पर सोचने के लिए समय चाहिए, फिलहाल हमारा पूरा ध्यान आगामी मुकाबले पर है।”

हरमनप्रीत ने कहा कि, मुझे इस बारे में अभी पता चला है। यह खबर सुनकर दुख हुआ,क्योंकि इस टूर्नामेंट में हम स्वर्ण पदक जीतने के लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे थे। यह सब हमारे नियंत्रण में नहीं है और फिलहाल हमें जर्मनी के खिलाफ होने वाले मैचों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।”

गौरतलब है कि भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अभी तक पुरुष हॉकी का स्वर्ण पदक हासिल नहीं किया है। हालाँकि,भारतीय पुरुष हॉकी टीम कॉमनवेल्थ गेम्स 2010, 2014 और 2022 में फाइनल तक पहुँचा था,लेकिन उसे तीनों ही बार ऑस्ट्रेलिया ने हराया था। महिला हॉकी टीम ने भारत के लिए एकमात्र स्वर्ण पदक 2002 में मैनचेस्टर में कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता था। वहीं राष्ट्रमंडल खेलों के 2002 के संस्करण में पुरुष टीम ने हिस्सा नहीं लिया था।

राष्ट्रमंडल खेलों का 23वां संस्करण का आयोजन ग्लासगो में 23 जुलाई से 2 अगस्त, 2026 तक किया जाएगा। इसमें हॉकी,टेबल टेनिस,कुश्ती,क्रिकेट,बैडमिंटन तथा स्क्वैश को छोड़कर सिर्फ 10 खेलों को शामिल किया गया है। इसके अलावा शूटिंग को भी बर्मिंघम 2022 के कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया था और अभी भी यह बाहर ही है।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत ने 22 स्वर्ण समेत 61 पदक जीते थे। इन पदकों में से कुश्ती,बॉक्सिंग,टेबल टेनिस,बैडमिंटन,हॉकी तथा स्क्वैश जैसे खेलों से अधिकांश पदक आए थे। इन पदकों में से कुश्ती में 12 पदक,मुक्केबाजी में 7,टेबल टेनिस में 7,बैडमिंटन में 6, हॉकी में 2,स्क्वैश में 2 तथा क्रिकेट में 1 पदक हासिल किया था।