शेख हसीना (तस्वीर क्रेडिट@JaikyYadav16)

शेख हसीना के पार्टी की ‘छात्र शाखा’ पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने प्रतिबंध लगाया

ढाका,24 अक्टूबर (युआईटीवी)- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के छात्र संगठन ‘बांग्लादेश छात्र लीग’ पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने प्रतिबंध लगाते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह निर्णय जुलाई-अगस्त में हुए विद्रोह के बाद आया है, जिसका नेतृत्व एक छात्र समूह ने किया था। इस विद्रोह के बाद से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में उथल-पुथल मची हुई है।

बांग्लादेश के गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया कि सरकार ने यह प्रतिबंध ‘आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009’ की धारा 18 की उपधारा (1) के तहत लगाया है। बांग्लादेश छात्र लीग को जो अवामी लीग का एक प्रमुख छात्र संगठन है,इस अधिनियम के तहत देश में सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे के रूप में देखा जा रहा था।आदेश की एक प्रति एएनआई को प्राप्त हुई है

इससे पहले, मंगलवार को एक अन्य छात्र समूह, जिसे ‘भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन’ कहा जाता है,ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने और बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफे की माँग की थी। इस समूह की पाँच सूत्री माँगों में एक प्रमुख माँग बांग्लादेश छात्र लीग पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल थी। इन माँगों के बाद सरकार ने छात्र लीग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया, जिससे राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है।

सरकार ने अपने आदेश में छात्र लीग पर आरोप लगाया कि यह संगठन बांग्लादेश की आजादी के बाद से कई बार गंभीर अपराधों में लिप्त रहा है। विशेष रूप से पिछले 15 वर्षों के दौरान, जब शेख हसीना की अवामी लीग सत्ता में रही, इस छात्र संगठन पर हत्या,यातना,कॉमन रूम में उत्पीड़न,छात्रावासों में सीटों की खरीद-फरोख्त,गिरोह बनाना,बलात्कार और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों ने संगठन की छवि को बुरी तरह से धूमिल किया है।

सरकार के आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया कि संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कुछ आतंकवादी घटनाओं में आपराधिक अदालत में आरोप साबित हो चुके हैं। इन घटनाओं में देश के विभिन्न हिस्सों में आम जनता और छात्रों के खिलाफ हिंसा शामिल थी।खासकर,भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान,जब 15 जुलाई 2024 से बांग्लादेश छात्र लीग के नेताओं ने प्रदर्शनकारी छात्रों और आम जनता पर उन्मादी और सशस्त्र हमले किए। इन हमलों में सैकड़ों निर्दोष छात्रों और व्यक्तियों की जान चली गई और कई अन्य के जीवन को खतरे में डाल दिया गया।

यह प्रतिबंध बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। छात्र लीग अवामी लीग के भ्रातृ संगठन के रूप में लंबे समय से बांग्लादेश के छात्र राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाता आ रहा था। इसके प्रतिबंध के बाद अवामी लीग की स्थिति पर भी असर पड़ सकता है,खासकर तब जब देश में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ रही है।

बांग्लादेश सरकार ने इस प्रतिबंध के जरिए यह संदेश दिया है कि वह सार्वजनिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी,भले ही इसके लिए उसे सत्तारूढ़ पार्टी के संगठनों पर कार्रवाई करनी पड़े। इस प्रतिबंध के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश की राजनीति और छात्र आंदोलन किस दिशा में जाते।