नई दिल्ली,24 अक्टूबर (युआईटीवी)- भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने बुधवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में जर्मनी के खिलाफ द्विपक्षीय हॉकी श्रृंखला 2024 का पहला मुकाबला खेला,जिसमें उसे 2-0 से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में विश्व चैंपियन और ओलंपिक रजत पदक विजेता जर्मनी ने पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम पर दबदबा बनाए रखा। हेनरिक मर्टगेंस ने जर्मनी के लिए मैच के चौथे मिनट में पहला गोल किया,जबकि लुकास विंडफेडर ने मैच के 30वें मिनट में दूसरा गोल कर टीम की बढ़त को मजबूत किया। इस मैच में भारतीय खिलाड़ी राजिंदर सिंह ने पदार्पण किया,जो भारतीय हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था।
जर्मनी ने मैच की शुरुआत आक्रामक अंदाज में की और खेल के चौथे मिनट में ही हेनरिक मर्टगेंस ने भारत के सर्कल में तेजी से हमला किया। हेनरिक मर्टगेंस ने शूटिंग सर्कल में एक भटकी हुई गेंद को गोल में तब्दील कर दिया। भारतीय गोलकीपर कृष्ण पाठक इस हमले को रोकने में असमर्थ रहे,जिससे जर्मनी को 1-0 की बढ़त मिल गई। शुरुआती गोल के बाद भारतीय टीम ने खुद को मैच में बनाए रखने के लिए संघर्ष किया,लेकिन जर्मनी की टीम ने उन्हें अपने ही हाफ में मजबूर कर दिया।
पहले क्वार्टर के आधे समय के बाद भारत ने गेंद को तेजी से पास करना शुरू किया और एक पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। हालाँकि, भारतीय डिफेंडर वरुण कुमार इसे गोल में बदलने में असफल रहे। इसके बाद,जर्मनी ने खेल पर फिर से पकड़ बनाते हुए पहले क्वार्टर को 1-0 से अपने पक्ष में समाप्त किया।
भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में खेल में वापसी करने की कोशिश की और जर्मन टीम को दबाव में रखा। इस दौरान भारत को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले,लेकिन संजय, अमित और हरमनप्रीत इन मौकों का लाभ उठाने में नाकाम रहे। भारतीय टीम को एक और बड़ा मौका तब मिला,जब उन्हें पेनल्टी स्ट्रोक दिया गया,लेकिन जर्मन गोलकीपर जोशुआ ओनीक्यू ननाजी ने हरमनप्रीत के शॉट को रोकते हुए जर्मनी की बढ़त को बरकरार रखा।
जर्मनी ने हाफ के आखिरी मिनट में पलटवार करते हुए पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। लुकास विंडफेडर ने अपने शानदार शॉट से गोलकीपर सूरज करकेरा और पोस्टमैन जरमनप्रीत सिंह के बीच गैप पाया और जर्मनी को 2-0 की निर्णायक बढ़त दिलाने में कामयाबी हासिल किया।
तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने अपनी गति को बढ़ाने का प्रयास किया,लेकिन जर्मन डिफेंस ने उन्हें कोई बड़ा मौका नहीं दिया। इस दौरान भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला,लेकिन जर्मन गोलकीपर जोशुआ ने हरमनप्रीत के फ्लिक को एक बार फिर से शानदार तरीके से बचा लिया। जर्मनी ने भी तेजी से जवाब दिया पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया,लेकिन बेनेडिक्ट श्वार्जहॉप्ट के शॉट को भारतीय गोलकीपर कृष्ण पाठक ने सफलतापूर्वक डिफ्लेक्ट किया।
आखिरी क्वार्टर में जर्मनी अपनी बढ़त को और बढ़ाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन भारतीय डिफेंडर अमित रोहिदास ने जर्मन हमलों को नाकाम किया। दूसरी ओर, भारतीय टीम ने धैर्यपूर्वक गेंद को पास किया और अपने पहले गोल की तलाश में लगी रही, लेकिन वे कोई निर्णायक अवसर नहीं बना सके। मैच के अंतिम क्षणों में भी भारतीय टीम गोल नहीं कर सकी और खेल 2-0 के स्कोर पर समाप्त हुआ।
भारतीय टीम ने खेल में वापसी के कई प्रयास किए,लेकिन जर्मनी के मजबूत डिफेंस और गोलकीपर जोशुआ ओनीक्यू ननाजी के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें हर बार रोक दिया। भारत को पेनल्टी कॉर्नर के रूप में कई मौके मिले,लेकिन वे इन मौकों का फायदा नहीं उठा सके। इसके विपरीत, जर्मनी ने अपने अवसरों को भुनाते हुए जीत हासिल की।