डोनाल्ड ट्रंप और जॉन रैटक्लिफ(तस्वीर क्रेडिट@oneindiaHindi)

डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल को नहीं,बल्कि जॉन रैटक्लिफ को बनाया सीआईए चीफ

वाशिंगटन,13 नवंबर (युआईटीवी)- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी काश पटेल को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) का नया निदेशक नहीं बनाया,बल्कि उन्होंने इस पद पर पूर्व कांग्रेस सदस्य और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक,जॉन रैटक्लिफ को नियुक्त किया है।

यह नियुक्ति उन अटकलों के विपरीत है,जिनमें यह कहा जा रहा था कि यह महत्वपूर्ण पद भारतीय-अमेरिकी काश पटेल को दिया जाएगा,जो ट्रंप के सबसे वफादार सहयोगियों में से एक माने जाते हैं। हालाँकि काश पटेल को सीआईए का निदेशक नहीं बनाया गया,लेकिन उनकी ट्रंप प्रशासन में एक प्रमुख भूमिका निभाने की संभावना अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है,खासकर इस तथ्य के चलते कि राष्ट्रीय खुफिया निदेशक का पद अभी भी खाली है।

काश पटेल, जिनका असली नाम कश्यप प्रमोद विनोद पटेल है, ट्रंप प्रशासन में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। वह पहले अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर के चीफ ऑफ स्टाफ रहे हैं और साथ ही नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में राष्ट्रपति के डिप्टी असिस्टेंट के रूप में भी सेवा दे चुके हैं। इसके अलावा, वे आतंकवाद निरोधक विभाग के वरिष्ठ निदेशक भी रहे हैं। पटेल को सीआईए के निदेशक के रूप में नियुक्त किए जाने की अटकलें इसलिए थीं,क्योंकि उन्हें ट्रंप के प्रति गहरी निष्ठा और समर्थन के लिए जाना जाता है। हालाँकि,ट्रंप ने जॉन रैटक्लिफ को इस पद के लिए चुनने का निर्णय लिया।

जॉन रैटक्लिफ का नाम पहले भी खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए लिया जाता है। वह पहले ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक रह चुके हैं। एक बयान में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि,नेशनल इंटेलिजेंस के पूर्व निदेशक जॉन रैटक्लिफ को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) का निदेशक नियुक्त किए जाने की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है।

ट्रंप ने रैटक्लिफ की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अमेरिकी जनता के प्रति सच्चाई और ईमानदारी को प्राथमिकता दी है,चाहे वह क्लिंटन अभियान के फर्जी रूसी सांठगांठ मामले का खुलासा हो या एफबीआई द्वारा नागरिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की पहचान करना हो।

इसके अलावा, ट्रंप ने रैटक्लिफ की भूमिका को अहम बताते हुए कहा, “जब 51 खुफिया अधिकारी हंटर बाइडेन के लैपटॉप के बारे में झूठ बोल रहे थे,तो जॉन रैटक्लिफ ने अमेरिकी लोगों को सच्चाई बताई।”

ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि जॉन रैटक्लिफ को साल 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा पदक से सम्मानित किया गया था,जो कि खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के लिए देश का सर्वोच्च सम्मान है।

रैटक्लिफ को सीआईए का निदेशक बनाने के पीछे ट्रंप का विश्वास है कि वह न केवल अमेरिकी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के लिए एक निडर योद्धा होंगे, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के उच्चतम स्तर और शक्ति के माध्यम से शांति सुनिश्चित करेंगे। ट्रंप ने कहा, “मैं जॉन को हमारे देश के दोनों सर्वोच्च खुफिया पदों पर सेवा देने वाले पहले व्यक्ति के रूप में देखना चाहता हूँ।”

इस नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि ट्रंप का लक्ष्य अपनी सुरक्षा और खुफिया रणनीतियों को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाना है।