नई दिल्ली,17 दिसंबर (युआईटीवी)- कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा की एक नई तस्वीर सामने आई है,जिसमें वह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एक हैंडबैग लेकर पहुँची हैं, जिस पर लिखा था,”बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हों।” इस बैग पर एकता को दर्शाने वाली मुट्ठी और शांति के प्रतीक कबूतर बने हुए हैं। प्रियंका गांधी ने यह बैग संसद में बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई समुदायों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी चिंता और समर्थन को व्यक्त करने के लिए लिया था।
प्रियंका गांधी ने सोमवार को लोकसभा में बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की माँग की थी। उन्होंने शून्यकाल के दौरान कहा, “बांग्लादेश में हिंदू,ईसाई और अल्पसंख्यकों के खिलाफ जो अत्याचार हो रहे हैं,उन पर सरकार को अपनी आवाज उठानी चाहिए। सरकार को बांग्लादेश सरकार से इस मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए और वहाँ के पीड़ितों को पूरी सहायता प्रदान करनी चाहिए।” प्रियंका ने बांग्लादेश सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
यह बैग लेकर प्रियंका गांधी का संसद में पहुँचना कोई नया कदम नहीं था। इससे पहले भी वह अपने बैग के माध्यम से संदेश देने का तरीका अपना चुकी हैं। एक दिन पहले,यानी सोमवार को भी प्रियंका गांधी संसद में एक विशेष बैग लेकर पहुँची थीं, जिसमें “फिलिस्तीन” लिखा हुआ था। इस बैग पर शांति का प्रतीक सफेद कबूतर और तरबूज भी बना था,जो फिलिस्तीन के समर्थन को दर्शाता था। प्रियंका गांधी ने इस बैग के जरिए अपनी राजनीतिक विचारधारा को व्यक्त किया और स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि वह फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ी हैं।
प्रियंका गांधी का यह कदम कई मायनों में चर्चा का विषय बन गया था। उन्होंने इस तरह से अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए बैग का सहारा लिया,जो उनकी विचारधारा को एक मजबूत रूप में प्रदर्शित करता है। हालाँकि,इस पर उन्हें आलोचना का भी सामना करना पड़ा। विपक्षी नेताओं और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने प्रियंका के इस कदम को लेकर सवाल उठाए थे। फिर भी,प्रियंका गांधी का यह स्पष्ट संदेश था कि वह फिलिस्तीन के पक्ष में हैं और भारत सरकार से भी उन्होंने फिलिस्तीन के साथ खड़े होने की अपील की थी।
प्रियंका गांधी ने पहले भी फिलिस्तीन के समर्थन में आवाज उठाई है। यह कोई पहला मौका नहीं था,जब उन्होंने फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट की हो। इससे पहले भी वह कई बार फिलिस्तीन के पक्ष में बोल चुकी हैं और भारतीय सरकार से भी यह अपील की थी कि वह फिलिस्तीन के प्रति अपने समर्थन को और मजबूत करें। प्रियंका गांधी का यह स्पष्ट और प्रतिबद्ध रुख उनकी राजनीतिक विचारधारा को दर्शाता है।
वहीं, बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रियंका गांधी के बयान के बाद,विपक्षी सांसदों ने भी संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की माँग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की और भारत सरकार से बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कदम उठाने की अपील की।
प्रियंका गांधी ने इस तरह के मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय हमेशा से दी है और उनके बैग के माध्यम से दिए गए संदेश ने यह दर्शाया कि वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपनी राजनीतिक सक्रियता को दिखाती हैं। संसद में इस तरह के कदम से यह स्पष्ट होता है कि प्रियंका गांधी अपनी विचारधारा को खुले तौर पर व्यक्त करने से पीछे नहीं हटतीं,चाहे वह बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के समर्थन में हो या फिर फिलिस्तीन के पक्ष में।
इस तरह के मुद्दों पर प्रियंका गांधी का रुख और उनके संदेश से यह संकेत मिलता है कि वह केवल राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाना चाहती हैं।