अमित शाह (तस्वीर क्रेडिट@Neetishapatil)

मोदी सरकार के लिए संविधान सिर्फ एक लिखित दस्तावेज नहीं,बल्कि यह तो राष्ट्र निर्माण की मूल प्रेरणा : अमित शाह

नई दिल्ली,18 दिसंबर (युआईटीवी)- राज्यसभा में संविधान पर हुई चर्चा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए इसे राष्ट्र निर्माण और वंचितों के कल्याण का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए संविधान सिर्फ एक लिखित दस्तावेज नहीं है,बल्कि यह वंचित वर्ग के उत्थान और देश के निर्माण की प्रेरणा का मुख्य स्रोत है। संविधान पर हुई चर्चा को गृह मंत्री ने सकारात्मक और प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि यह चर्चा विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है,क्योंकि इससे उन्हें देश की प्रगति और संविधान के महत्व का अहसास होगा।

अमित शाह ने यह भी कहा कि आजादी की लंबी लड़ाई के बाद हमारे देश को संविधान मिला और इस संविधान पर चर्चा के दौरान संसद में गहराई से विचार विमर्श हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इस चर्चा से यह स्पष्ट हो गया है कि देश में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं और यह पाताल तक फैली हुई हैं। यह संविधान पर चर्चा भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और देश की प्रगति को दर्शाता है।

गृह मंत्री ने इस चर्चा को देश के युवाओं के लिए शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उनका कहना था कि इस बहस से युवाओं को यह समझने का मौका मिलेगा कि किस पार्टी ने संविधान का सम्मान किया और किसने इसका उल्लंघन किया। उन्होंने सरदार पटेल के योगदान को भी याद किया और कहा कि उनके संघर्षों के कारण ही भारत आज मजबूती से खड़ा है और यह देश लोकतांत्रिक ढंग से समृद्ध हो रहा है। अमित शाह ने कहा कि, “यह भी स्पष्ट हुआ कि जब जनता ने किसी पार्टी को जनादेश दिया,तो उस पार्टी ने संविधान का सम्मान किया या नहीं।”

उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय जनता ने तानाशाहों का घमंड लोकतांत्रिक तरीके से चूर-चूर किया है,जो देश की असली ताकत है। गृह मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि संविधान पर हुई इस चर्चा से यह साबित होता है कि भारत आज एक मजबूत लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित करने वाला देश है।

भारत की आजादी के समय पर भी चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि दुनिया को विश्वास नहीं था कि भारत एक संगठित राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में रह पाएगा और संवैधानिक मूल्य स्थापित कर सकेगा। हालाँकि,आजादी के 75 वर्षों के बाद जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं,तो यह स्पष्ट है कि यह सरदार वल्लभभाई पटेल की अथक मेहनत और संघर्ष का परिणाम था कि आज हमारा देश मजबूती से खड़ा है। उन्होंने पटेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके योगदान की वजह से ही भारत आज एक संगठित और सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा है।

अमित शाह ने इस अवसर पर यह भी बताया कि कुछ लोग यह मानते थे कि भारत आर्थिक रूप से कभी मजबूत नहीं हो पाएगा,लेकिन आज 75 वर्षों में हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में सम्मान के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह संविधान और जनता की उम्मीदों का परिणाम है,जो आज हम इस मुकाम तक पहुँचे हैं।

गृह मंत्री ने अंत में यह कहा कि भारत का संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है,बल्कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और वंचितों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए एक जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने संविधान की महिमा को सराहा और कहा कि यह हर भारतीय को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है।

अमित शाह का यह भाषण संविधान की महत्ता,सरदार पटेल के योगदान और भारत की प्रगति को रेखांकित करने वाला था। उन्होंने यह संदेश दिया कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सम्मान ही देश की मजबूती और समृद्धि का मुख्य कारण है।