श्याम बेनेगल (तस्वीर क्रेडिट@drsudhayadavBJP)

फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने शोक जताया

नई दिल्ली,24 दिसंबर (युआईटीवी)- जाने-माने फिल्म डायरेक्टर,स्क्रिप्ट राइटर और प्रोड्यूसर श्याम बेनेगल का सोमवार को मुंबई में 90 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। श्याम बेनेगल का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य कई प्रमुख नेताओं ने उनके निधन की खबर के बाद शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया।

श्याम बेनेगल के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शोक व्यक्त किया और कहा कि उनके निधन से भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि श्याम बेनेगल ने भारतीय सिनेमा की एक नई शैली की शुरुआत की और कई ‘क्लासिक’ फिल्में बनाई। उनके द्वारा की गई फिल्म निर्माण में एक नया दृष्टिकोण था,जो सामाजिक,राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों को संवेदनशीलता और गहराई से दर्शाता था।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रपति ने श्याम बेनेगल के असाधारण योगदान को मान्यता देते हुए लिखा, “एक वास्तविक संस्थान के रूप में उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों को तैयार किया। उनके असाधारण योगदान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण समेत कई पुरस्कारों के रूप में सम्मानित किया गया। उनके परिवार और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएँ।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी श्याम बेनेगल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “श्याम बेनेगल के निधन पर गहरा दुख हुआ। भारतीय सिनेमा पर उनकी कहानी कहने का गहरा प्रभाव पड़ा। विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा उनके कामों की प्रशंसा की जाती रहेगी। बेनेगल परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएँ। ओम शांति।” प्रधानमंत्री मोदी ने श्याम बेनेगल के सिनेमा में योगदान की सराहना करते हुए उनकी फिल्म निर्माण शैली को भारतीय सिनेमा के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखा।

श्याम बेनेगल के निधन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी शोक व्यक्त किया और कहा कि, “श्याम बेनेगल के निधन से दुखी हूँ। पद्म भूषण से सम्मानित और दूरदर्शी फिल्म निर्माता,भारतीय सिनेमा के परिदृश्य को उनके अग्रणी कार्यों ने बहुत समृद्ध किया। बेनेगल की फिल्मों ने सामाजिक वास्तविकताओं को बेजोड़ गहराई और संवेदनशीलता के साथ संबोधित किया। कला,संस्कृति और कहानी कहने में उनके योगदान को हमेशा गहरे सम्मान के साथ याद किया जाएगा। इस कठिन घड़ी में उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ।”

श्याम बेनेगल के निधन पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी शोक व्यक्त किया और कहा कि “सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक,पटकथा लेखक और निर्माता श्याम बेनेगल के निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ। भारतीय सिनेमा को विश्व पटल पर स्थापित करने में श्याम बेनेगल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अनेक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित बेनेगल का देहावसान कला और फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों व प्रशंसकों को संबल प्रदान करें।”

श्याम बेनेगल के निधन पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी संवेदना व्यक्त की और कहा कि, “भारत की कहानियों को गहराई और संवेदनशीलता के साथ जीवंत करने वाले दूरदर्शी फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के निधन से दुखी हूँ। सिनेमा में उनकी विरासत और सामाजिक मुद्दों के प्रति प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। दुनिया भर में उनके चाहने वालों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना।”

श्याम बेनेगल को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी श्रद्धांजलि दी और कहा कि भारतीय समाज के संताप,संघर्ष और बदलाव की कहानियों को श्याम बेनेगल ने परदे पर जीवंत किया। ‘निशांत’ की संवेदनशीलता,’मंथन’ का संदेश और ‘भारत एक खोज’ का दर्शन- उनकी हरेक रचना एक प्रेरणा है। वह कला के जरिए समाज और समय से संवाद करने वाले सच्चे हमराही थे। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज सिनेमा में जनता की आवाज के एक युग का अंत हुआ है।

श्याम बेनेगल के निधन को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि, “पद्म श्री एवं पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक तथा निर्माता श्याम बेनेगल का निधन बेहद दुःखद है। उनके निधन से फिल्म एवं कला जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।”

श्याम बेनेगल के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि, “प्रख्यात फिल्म निर्माता-निर्देशक ‘पद्म भूषण’ श्याम बेनेगल का निधन अत्यंत दुःखद और सिनेमा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। भारतीय सिनेमा को विश्व में नई और अद्वितीय पहचान दिलाने में उनका अविस्मरणीय योगदान था। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति और उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

श्याम बेनेगल के निधन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी दुख व्यक्त किया और कहा कि, “प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने समानांतर सिनेमा को सबसे आगे लाया। उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। भारतीय सिनेमा के लिए उनकी सेवा अतुलनीय है और उनका जाना एक युग का अंत है। मैं दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।”

श्याम बेनेगल के निधन पर अदाणी फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रीति अदाणी ने भी दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “श्याम बेनेगल का निधन भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत है। एक बेहतरीन कहानीकार,उनकी फिल्मों ने कला और वास्तविकता को जोड़ा,अनसुनी बातों को आवाज दी और समानांतर सिनेमा के स्वर्णिम युग को आकार दिया। उनकी विरासत फिल्म निर्माताओं और सिनेमा प्रेमियों को प्रेरित करती रहेगी।”

श्याम बेनेगल की बेटी पिया बेनेगल ने बताया कि उनके पिता लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने कहा, “दो साल पहले उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थीं और तब से उनका डायलिसिस के साथ इलाज चल रहा था।” श्याम बेनेगल के निधन से फिल्म उद्योग के साथ-साथ उनके परिवार और प्रशंसकों में भी शोक की लहर दौड़ गई है।

श्याम बेनेगल को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उनके नाम सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड है। उन्हें आठ फिल्मों के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनकी फिल्मों ने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को बिना किसी हिचक के दर्शाया और भारतीय समाज के बदलावों को फिल्मी पर्दे पर सजीव किया। ‘निशांत’,’मंथन’, ‘भारत एक खोज’ और ‘सुबह’ जैसी फिल्में उनके सिनेमा की विशिष्ट पहचान बनीं। श्याम बेनेगल ने भारतीय सिनेमा के समानांतर सिनेमा आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,जो आज भी प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।

श्याम बेनेगल की फिल्मों की संवेदनशीलता,गहराई और समाज के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें भारतीय सिनेमा के एक महान निर्देशक के रूप में स्थापित किया। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनकी फिल्मों का प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक रहेगा।