नई दिल्ली,31 दिसंबर (युआईटीवी)- आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ मंगलवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वे मंदिर के पुजारियों के साथ ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ का शुभारंभ करेंगे। इस योजना का उद्देश्य दिल्ली में मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथियों को सम्मान राशि प्रदान करना है।
अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस योजना के शुभारंभ की जानकारी देते हुए पोस्ट में लिखा कि, “आज मैं अपनी पत्नी के साथ कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर से पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना का शुभारंभ करूँगा। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी इस योजना का शुभारंभ करोल बाग स्थित गुरुद्वारे से करेंगी।”
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने 30 दिसंबर को इस योजना के बारे में पोस्ट करते हुए लिखा कि, “आज पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना के घोषणा के बाद से देश भर से फोन और मैसेज आ रहे हैं। सभी धार्मिक लोग बहुत खुश हैं। दिल्ली के कई पुजारी और ग्रंथी मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया।” आगे उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के जीतने पर मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथियों को प्रति माह 18,000 रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ को समाज में मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथियों के आध्यात्मिक योगदान और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के प्रयासों का सम्मान माना जा रहा है। इस पर टिप्पणी करते हुए केजरीवाल ने कहा कि, “भाजपा वालों इसे रोकने का प्रयास मत करना,बहुत पाप लगेगा।”
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी इस योजना को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा कि, “दिल्ली में दोबारा आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर हमारी संस्कृति और सभ्यता को पीढ़ियों से सहेजने और आगे बढ़ाने वाले मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारा के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह की सम्मान राशि दी जाएगी।”
पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना के बाद भाजपा ने इस पर आलोचना शुरू कर दी। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि, “आज अरविंद केजरीवाल को दिल्ली भाजपा और उसके पुजारी प्रकोष्ठ के लगभग 2 साल से अधिक समय से चल रहे आंदोलन के दबाव के चलते पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा करनी पड़ी है।” सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल इस योजना के जरिए दिल्ली हाई कोर्ट में दायर एक याचिका को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं,जिसमें मौलवियों के वेतन भत्ते की याचिका को लेकर सुनवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने यह कदम कोर्ट को धोखा देने और अपनी सरकार के खिलाफ दायर याचिका से बचने के लिए उठाया है।
सचदेवा ने पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर इशारा करते हुए सवाल पूछा कि दिल्ली की महिलाएँ,पुजारी और ग्रंथी सभी अरविंद केजरीवाल से एक सवाल पूछ रहे हैं कि, “क्या पंजाब सरकार ने ऐसा कोई वेतन भत्ता अपने पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लिए दिया है?”
इस मुद्दे पर भाजपा के आरोपों के बावजूद, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी इसे दिल्ली के पुजारियों और ग्रंथियों की लंबे समय से चली आ रही माँगों को पूरा करने का एक कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस योजना का उद्देश्य धार्मिक संस्थानों के योगदान को सम्मानित करना और उन्हें उनका हक देना है।
यह योजना दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह की सम्मान राशि देने की बात करती है,ताकि उनके कठिन कार्यों और धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के प्रयासों को सम्मानित किया जा सके। योजना के शुभारंभ को लेकर अब तक विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के बीच बयानबाजी जारी है और यह मुद्दा दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आ सकता है।
पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और सभी दल इस पर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।