बीसीसीआई

बीसीसीआई ने भारतीय टीम के लिए जारी किए कठोर नियम,पालन न किए जाने पर आईपीएल खेलने पर लग सकता है बैन

मुंबई,17 जनवरी (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए एक नया और अभूतपूर्व गाइडलाइन डॉक्यूमेंट जारी किया है,जिसका उद्देश्य टीम में अनुशासन,एकता और सकारात्मक माहौल को बढ़ावा देना है। इस नए दस्तावेज़ में 10 बिंदु शामिल हैं,जिन्हें खिलाड़ियों को कड़ाई से पालन करना होगा। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई खिलाड़ी इन नियमों का उल्लंघन करता है,तो उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसमें केंद्रीय अनुबंध को समाप्त करना,आईपीएल और घरेलू क्रिकेट पर प्रतिबंध भी शामिल हो सकते हैं।

यह गाइडलाइन डॉक्यूमेंट “पालिसी डॉक्यूमेंट फॉर टीम इंडिया” के नाम से गुरुवार को टीम के खिलाड़ियों को भेजा गया। यह डॉक्यूमेंट हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक के बाद तैयार किया गया है,जो न्यूजीलैंड सीरीज और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया को मिली करारी हार के बाद बुलाई गई थी। इस बैठक में टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर,टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा,मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर और बीसीसीआई के नए सचिव देवजीत सैकिया ने भी हिस्सा लिया था।

इस बैठक में यह भी बताया गया कि कुछ खिलाड़ी मैच या अभ्यास सत्रों के लिए टीम बस की बजाय अपनी व्यक्तिगत यात्रा करते हैं,जिससे टीम का अनुशासन भंग होता है। बीसीसीआई ने यह फैसला किया है कि यदि किसी खिलाड़ी को विशेष परिस्थितियों में अलग से यात्रा करनी है,तो उसे पहले मुख्य कोच या मुख्य चयनकर्ता से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा,उन्हें किसी भी अभ्यास सत्र में पूरा समय बिताना होगा,भले ही उनकी व्यक्तिगत ट्रेनिंग पहले खत्म हो गई हो।

इसके अतिरिक्त,यदि कोई दौरा या सीरीज़ समाप्त हो जाती है,तो खिलाड़ी को अपने मन से अलग से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी,ताकि टीम की एकता और अनुशासन पर असर न पड़े। बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि खिलाड़ियों को परिवार के साथ यात्रा करने की बजाय टीम के साथ ही यात्रा करनी चाहिए,ताकि टीम में अनुशासन और संगठन बनाए रखा जा सके।

कोरोना महामारी के बाद लंबे दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों की उपस्थिति सामान्य हो गई थी,लेकिन बीसीसीआई ने इसे ध्यान में रखते हुए इसे एक ‘संभावित कारण’ माना है,जो खिलाड़ियों के फोकस को प्रभावित कर सकता है। नए गाइडलाइन के अनुसार,अगर कोई दौरा 45 दिन से अधिक का है,तो खिलाड़ी के पार्टनर और 18 साल से कम उम्र के बच्चे सिर्फ 14 दिन तक ही रह सकते हैं। परिवार के सदस्य दौरे पर एक बार ही आ सकते हैं और इसके खर्चों का ध्यान खिलाड़ी को ही रखना होगा।

इसके अतिरिक्त,यदि कोई खिलाड़ी परिवार को साथ ले जाता है,तो उसे पहले कोच, कप्तान और बीसीसीआई के जनरल मैनेजर ऑपरेशंस से अनुमति लेनी होगी। बीसीसीआई सिर्फ साझा आवास की व्यवस्था करेगा,बाकी खर्चे खिलाड़ी को ही उठाने होंगे। यदि परिवार तय समय से अधिक रुकता है,तो उसका खर्च भी खिलाड़ी को ही देना होगा।

बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि खिलाड़ियों को अपने पर्सनल स्टाफ को सीमित रखना होगा। इसमें मैनेजर,शेफ,सहायक,सोशल मीडिया टीम और सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। बीसीसीआई का मानना है कि इससे ‘लॉजिस्टिकल चुनौतियाँ’ कम होंगी और टीम का फोकस क्रिकेट पर रहेगा। बीसीसीआई ने यह सलाह भी दी है कि खिलाड़ियों को किसी सीरीज़ या दौरे के दौरान व्यक्तिगत शूटिंग नहीं करनी चाहिए और उनका पूरा ध्यान सिर्फ क्रिकेट और टीम की जिम्मेदारियों पर होना चाहिए।

बीसीसीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा। यदि कोई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट से अनुपस्थित रहता है,तो उसे अंतर्राष्ट्रीय मैचों में चयन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और उसका केंद्रीय अनुबंध भी समाप्त किया जा सकता है। बीसीसीआई का मानना है कि इससे घरेलू क्रिकेट को मजबूती मिलेगी और नए टैलेंट को बढ़ावा मिलेगा। बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि “अपरिहार्य परिस्थितियों” और चयन समिति की अनुमति के बाद ही किसी खिलाड़ी को इस नीति से छूट मिल सकती है।

बीसीसीआई ने कहा है कि यदि खिलाड़ी इन नियमों का पालन नहीं करते हैं,तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसमें आईपीएल पर बैन,सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट समाप्त करना और फीस कटौती जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। बीसीसीआई का उद्देश्य भारतीय क्रिकेट में जवाबदेही और प्राथमिकता को बढ़ाना है। इस प्रकार के कड़े नियमों को लागू करने से भारतीय क्रिकेट टीम में एक नया अनुशासन और संगठनात्मक माहौल बनने की उम्मीद है,जिससे टीम की एकजुटता और प्रदर्शन में सुधार हो सके।

बीसीसीआई का यह कदम भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकता है। खिलाड़ियों के लिए बनाई गई नई गाइडलाइन्स उनके व्यक्तिगत और टीम के प्रदर्शन दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। यह कदम टीम में अनुशासन और एकता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है,जिससे भारतीय क्रिकेट का प्रदर्शन और भी बेहतर हो सकता है। बीसीसीआई का मानना है कि इन नए नियमों से खिलाड़ियों में जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी और टीम की प्राथमिकता सिर्फ क्रिकेट ही होगी,जिससे भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचने में मदद मिलेगी।