नई दिल्ली,28 जनवरी (युआईटीवी)- भारत और चीन ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया,जिसके तहत उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यह कदम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और स्थिर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार,यह निर्णय विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके चीनी समकक्ष सुन वेइदोंग के बीच बीजिंग में हुई वार्ता के बाद लिया गया।
इस फैसले का एक और अहम पहलू यह है कि भारत और चीन दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्स्थापित और स्थिर करने के लिए कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति जताई। यह सहमति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच अक्टूबर में कज़ान में हुई बैठक में बनी थी,जिसमें दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों की व्यापक समीक्षा की थी। इस बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि दोनों देशों के संबंधों को एक नया मोड़ दिया जाएगा,जिसमें दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस निर्णय के तहत कैलाश मानसरोवर यात्रा को 2025 की गर्मियों से फिर से शुरू किया जाएगा। यह यात्रा भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है,जो कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील को धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक पवित्र मानते हैं। यात्रा का निलंबन कई वर्षों तक हुआ था,लेकिन अब इसे फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है,जो दोनों देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करेगा।
इसके अलावा,दोनों देशों ने एक और महत्वपूर्ण पहलू पर सहमति व्यक्त की है और वह है सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करना। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने इस पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है और जल्द ही दोनों देशों के संबंधित तकनीकी अधिकारी इस उद्देश्य के लिए एक रूपरेखा पर बातचीत करेंगे। यह कदम दोनों देशों के नागरिकों के बीच यात्रा और आदान-प्रदान को आसान बनाने के लिए उठाया जा रहा है।
भारत और चीन ने सीमापार नदियों से संबंधित जल विज्ञान संबंधी आँकड़ों के आदान-प्रदान पर भी चर्चा करने का निर्णय लिया है। इसके लिए दोनों पक्षों ने भारत-चीन विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र की शीघ्र बैठक बुलाने पर सहमति व्यक्त की है। यह बैठक जलवायु परिवर्तन और जल संसाधन प्रबंधन के संदर्भ में दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगी।
विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच मीडिया और थिंक टैंक के सदस्यों के बीच बातचीत को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाए जाएँगे। इसके अलावा,लोगों के बीच आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए भी कदम उठाए जाएँगे। यह पहल दोनों देशों के नागरिकों के बीच दोस्ती और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस पहल के तहत,दोनों देशों के बीच सामरिक,आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय,सीधी हवाई सेवाओं का पुनर्निर्माण और जल विज्ञान संबंधी आँकड़ों के आदान-प्रदान के लिए तंत्र की स्थापना,ये सभी निर्णय इस बात का प्रतीक हैं कि दोनों देशों ने आपसी सहयोग और समझ को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है। इससे न केवल भारत और चीन के रिश्ते मजबूत होंगे,बल्कि एशिया और वैश्विक स्तर पर भी इन दोनों देशों के बीच बेहतर सहयोग की संभावना बन सकती है।