काश पटेल (तस्वीर क्रेडिट@upwalebhiya)

काश पटेल ने अमेरिकी सीनेट में ‘जय श्री कृष्णा’ कहकर जीता दिल,दिखी सनातन की झलक,एफबीआई प्रमुख का वीडियो वायरल

वाशिंगटन,1 फरवरी (युआईटीवी)- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एफबीआई के प्रमुख के तौर पर नामित कश्यप ‘काश’ पटेल के दो वीडियो इन दिनों इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। ये वीडियो गुरुवार को सीनेट न्यायपालिका समिति के समक्ष पटेल की ‘कन्फर्मेशन’ सुनवाई के दौरान के हैं। इन वीडियो के जरिए पटेल के व्यक्तित्व और उनके भारतीय मूल के होने का प्रभाव साफ देखा जा सकता है।

भारतीय मूल के काश पटेल को डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय जाँच एजेंसी एफबीआई का नया निदेशक नियुक्त किया है। इंटरनेट पर वायरल वीडियो में,भारतीय मूल के वकील कश्यप पटेल सीनेट में सुनवाई से पहले अपने माता-पिता के पैर छूने के लिए झुकते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य उनके भारतीय पारंपरिक संस्कारों और माता-पिता के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है। इस वीडियो में उनकी विनम्रता और संस्कारी व्यक्तित्व को पूरी तरह से महसूस किया जा सकता है।

दूसरे वायरल वीडियो में पटेल अपने माता-पिता का परिचय कराते हुए ‘जय श्री कृष्ण’ बोलते हैं। इस वीडियो में पटेल अपनी भारतीय जड़ों को खुलेआम स्वीकार करते हैं और गर्व से कहते हैं, “मैं अपने पिता प्रमोद और अपनी माँ अंजना का स्वागत करना चाहूँगा, जो आज यहाँ बैठे हैं। वे भारत से यहाँ आए हैं। मेरी बहन निशा भी यहाँ हैं। वह भी मेरे साथ रहने के लिए महासागर पार से आईं हैं। आप लोगों का यहाँ होना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। जय श्री कृष्ण।” इस प्रकार पटेल ने अपने भारतीय परिवार और संस्कृति को सम्मानित किया और उनके साथ अपने संबंधों को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।

पटेल ने इस दौरान अपने जीवन के संघर्षों और सपनों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि वह न केवल अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं,बल्कि न्याय,निष्पक्षता और कानून के शासन के पक्ष में खड़े लाखों अमेरिकियों की उम्मीदों को भी आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यह उनका संकल्प है कि वे अमेरिकी न्याय व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।

पटेल ने अपने पिता के संघर्ष की भी कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि उनके पिता युगांडा में इदी अमीन की नरसंहारकारी तानाशाही से बचकर भागे थे, जहाँ तीन लाख लोग अपनी जातीयता के आधार पर मारे गए थे। उन्होंने कहा, “मेरे पिता और उनके जैसे कई लोग केवल इस वजह से मारे गए कि वे मेरे जैसे दिखते थे।” यह बयान पटेल के जीवन के संघर्षों को समझने में मदद करता है और यह भी दर्शाता है कि उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है,वह उन कठिनाइयों और संघर्षों से प्रेरित है जो उनके परिवार ने झेले हैं।

पटेल का कानून और राष्ट्रीय सुरक्षा में एक लंबा और शानदार करियर रहा है। उन्होंने एक सार्वजनिक वकील के रूप में शुरुआत की और राज्य और संघीय अदालतों में कई जटिल मामलों की सुनवाई की। इनमें हत्या से लेकर वित्तीय अपराधों तक के मामलों की सुनवाई शामिल थी। इसके बाद वह न्याय विभाग (डीओजे) में चले गए, जहाँ उन्होंने आतंकवाद के अभियोजक के रूप में काम किया और अल-कायदा और आईएसआईएस से जुड़े अपराधियों के अभियोजन की जिम्मेदारी संभाली। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में एक मजबूत स्थिति में खड़ा किया।

पटेल के करियर का टर्निंग प्वाइंट 2019 में आया,जब उन्हें ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में प्रवेश मिला। इसके बाद ट्रंप के राष्ट्रपति पद के अंतिम महीनों में उन्हें कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया। इस भूमिका में उन्होंने महत्वपूर्ण निर्णयों में अपनी भूमिका निभाई और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए।

कश्यप पटेल की यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्षों और उपलब्धियों की कहानी है,बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे एक भारतीय-अमेरिकी नागरिक अपने परिवार और संस्कृति के मूल्यों को अपने करियर और पेशेवर जीवन में बनाए रख सकता है। उनकी यह यात्रा अन्य भारतीय मूल के अमेरिकियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है,जो अपने पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों को भी सम्मान देते हैं।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कश्यप पटेल एफबीआई प्रमुख के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी कैसे निभाते हैं और क्या वे अमेरिकी न्याय व्यवस्था को और भी मजबूत बना पाते हैं।