नई दिल्ली,3 फरवरी (युआईटीवी)- वित्तीय वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में,भारत सरकार ने आदिवासी कल्याण योजनाओं के लिए अपने आवंटन में 46% की वृद्धि की है,जिससे कुल परिव्यय ₹14,926 करोड़ हो गया है।
यह पर्याप्त वृद्धि देश भर में आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। अतिरिक्त धनराशि को आदिवासी क्षेत्रों के भीतर शिक्षा,स्वास्थ्य देखभाल,बुनियादी ढाँचे और आजीविका के अवसरों में सुधार लाने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों के लिए निर्देशित किए जाने की उम्मीद है।
बढ़ा हुआ बजटीय आवंटन समावेशी विकास के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आर्थिक विकास का लाभ समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक पहुँचे। आदिवासी कल्याण पर ध्यान केंद्रित करके,सरकार का लक्ष्य मौजूदा असमानताओं को दूर करना और इन समुदायों में सतत विकास को बढ़ावा देना है।
इस कदम की हितधारकों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई है और इसे सामाजिक समानता हासिल करने और आदिवासी आबादी को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जाता है।