चंद्रिका टंडन (तस्वीर क्रेडिट@DilipJaiswalBJP)

प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रैमी पुरस्‍कार जीतने पर भारतीय मूल की चंद्रिका टंडन को दी बधाई

नई दिल्ली,4 फरवरी (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय-अमेरिकी गायिका चंद्रिका टंडन को ग्रैमी पुरस्कार जीतने पर बधाई दी है। भारतीय-अमेरिकी म्यूजिशियन चंद्रिका टंडन ने अपनी एल्बम ‘त्रिवेणी’ के लिए बेस्ट न्यू एज,एम्बिएंट या चैंट एल्बम श्रेणी में ग्रैमी पुरस्कार जीता है। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। चंद्रिका टंडन ने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार संगीत की अपनी यात्रा में कई वर्षों की मेहनत और समर्पण के बाद हासिल किया। उनके इस काम को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से सराहा और उन्हें बधाई दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चंद्रिका टंडन को उनके ग्रैमी पुरस्कार जीतने पर बधाई दी। उन्होंने लिखा, “उद्यमी चंद्रिका टंडन को त्रिवेणी एल्बम के लिए ग्रैमी जीतने पर बधाई। संगीत के रूप में उनकी उपलब्धियों पर हमें बहुत गर्व है! यह सराहनीय है कि वह भारतीय संस्कृति के प्रति कितनी जुनूनी हैं,उससे जुड़ी हैं और लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रही हैं।” चंद्रिका को पीएम मोदी ने “प्रेरणा” भी बताया और आगे लिखा, “वह लोगों के लिए प्रेरणा हैं। न्यूयॉर्क में साल 2023 में उनसे हुई मुलाकात मुझे याद है।”

चंद्रिका टंडन का यह ग्रैमी पुरस्कार जीतना एक शानदार उपलब्धि है,क्योंकि उन्होंने इस श्रेणी में प्रतिष्ठित नामों को पीछे छोड़ा। चंद्रिका ने रिकी केज और अनुष्का शंकर जैसे प्रसिद्ध संगीतकारों को हराया और यह पुरस्कार अपने नाम किया। चंद्रिका, पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नूई की बहन हैं और इस परिवार को हमेशा सफलता और नेतृत्व के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। चंद्रिका का संगीत भारतीय संस्कृति से गहरे रूप से जुड़ा हुआ है और उनके द्वारा पेश किया गया संगीत न केवल भारतीय धरोहर को सम्मानित करता है,बल्कि इसे एक वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है।

रविवार को लॉस एंजिल्स के क्रिप्टो डॉट कॉम एरिना में 67वें ग्रैमी अवार्ड्स का आयोजन हुआ, जहाँ चंद्रिका ने अपने सहयोगियों,दक्षिण अफ्रीकी बांसुरी वादक वाउटर केलरमैन और जापानी सेलिस्ट इरु मात्सुमोतो के साथ यह पुरस्कार जीता। यह समारोह संगीत उद्योग के सबसे बड़े सम्मान समारोहों में से एक है और चंद्रिका की जीत भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए गर्व का क्षण है।

चंद्रिका टंडन का एल्बम ‘त्रिवेणी’ एक अनोखा संगीत संग्रह है,जिसमें प्राचीन मंत्रों, बांसुरी और सेलो का मंत्रमुग्ध करने वाला मिश्रण पेश किया गया है। इस एल्बम के माध्यम से चंद्रिका ने भारतीय और पश्चिमी संगीत शैलियों को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया है। ‘त्रिवेणी’ एल्बम संगीत की भाषा के माध्यम से संस्कृतियों और परंपराओं को जोड़ता है और यह दर्शाता है कि संगीत न केवल एक कला है,बल्कि यह एक ऐसा माध्यम है,जो विभिन्न संस्कृतियों को एक साथ ला सकता है।

ग्रैमी पुरस्कार की इस श्रेणी में चंद्रिका के अलावा रिकी केज का ‘ब्रेक ऑफ डॉन’, रयूची सकामोटो का ‘ओपस’,अनुष्का शंकर का ‘चैप्टर सेकंड: हाउ डार्क इट इज बिफोर डॉन’ और राधिका वेकारिया का ‘वॉरियर्स ऑफ लाइट’ भी शामिल थे। इस प्रतिस्पर्धा के बावजूद चंद्रिका का जीतना उनकी कड़ी मेहनत और संगीत के प्रति समर्पण को प्रमाणित करता है।

भारत के न्यूयॉर्क स्थित महावाणिज्य दूतावास ने भी चंद्रिका टंडन को बधाई दी। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “त्रिवेणी के लिए बेस्ट न्यू एज, एम्बिएंट या चैंट एल्बम श्रेणी में ग्रैमी अवार्ड जीतने पर चंद्रिका टंडन को बधाई! प्राचीन मंत्रों,बांसुरी और सेलो का एक मंत्रमुग्ध करने वाला मिश्रण है। ‘त्रिवेणी’ संगीत की भाषा के माध्यम से संस्कृतियों और परंपराओं को जोड़ता है।” उन्होंने आगे लिखा, “उनकी कृतियाँ प्रतिभा और रचनात्मकता का एक उल्लेखनीय मिश्रण एक उद्देश्य के साथ दिखाती है। हम दुनिया भर में उनकी सफलता की कामना करते हैं।”

चंद्रिका टंडन का संगीत न केवल कला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है,बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के वैश्विक प्रचार में भी अहम भूमिका निभा रहा है। उनके संगीत में भारतीय साधना और पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का बेहतरीन मिश्रण है,जो श्रोताओं को एक नई अनुभूति प्रदान करता है। उनका काम यह साबित करता है कि संगीत एक सार्वभौमिक भाषा है,जो सीमाओं को पार कर लोगों के दिलों तक पहुँचता है।

इस पुरस्कार के बाद चंद्रिका टंडन की प्रतिष्ठा और बढ़ गई है। यह भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए गर्व का विषय है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस उच्च स्थान पर पहुँचाया है और अब वह एक प्रेरणा बन गई हैं,जो अन्य कलाकारों और श्रोताओं को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करती हैं।