नई दिल्ली,6 फरवरी (युआईटीवी)- ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम छात्रों के तनाव को कम करने और उत्सव के रूप में मनाने की दिशा में एक बड़ा कदम ‘परीक्षा पे चर्चा’ (पीपीसी) कार्यक्रम,जो अब तक छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच एक प्रसिद्ध और प्रभावशाली पहल बन चुका है,इस बार नए रूप में छात्रों के सामने आएगा। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कई प्रमुख हस्तियाँ,जिनमें फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण,अभिनेता विक्रांत मैसी,अभिनेत्री भूमि पेडनेकर और खेल जगत के कई दिग्गज भी छात्रों को परीक्षा के तनाव को कम करने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए टिप्स देते हुए दिखाई देंगे।
इस बार का ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम 10 फरवरी 2025 को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर छात्रों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किए गए इस पहल का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के दौरान उत्पन्न होने वाले तनाव से मुक्त करना और उन्हें यह समझाना है कि परीक्षा एक अवसर है,न कि एक बोझ।
‘परीक्षा पे चर्चा’ की शुरुआत 2018 में हुई थी और अब यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है। वर्ष 2025 में इस कार्यक्रम का आठवां संस्करण आयोजित किया जा रहा है,जिसमें अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2025 के इस संस्करण में कुल 3.56 करोड़ पंजीकरण प्राप्त हुए हैं,जबकि पिछले साल (2024) 2.26 करोड़ पंजीकरण हुए थे। यह वृद्धि 1.3 करोड़ पंजीकरणों की उल्लेखनीय बढ़ोतरी को दर्शाती है। इस प्रकार, ‘परीक्षा पे चर्चा’ न केवल एक लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया है,बल्कि यह एक “जन आंदोलन” में भी बदल चुका है,जो पूरे देश में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच गहरी पैठ बना चुका है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को यह समझाना है कि परीक्षा का मतलब सिर्फ नंबरों से नहीं होता,बल्कि यह एक अवसर है,जो उनके ज्ञान,कौशल और क्षमताओं को प्रकट करने का एक तरीका है। इसे एक उत्सव के रूप में मनाने की प्रेरणा दी जाती है,ताकि छात्र तनाव से मुक्त होकर अपने पूरे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में भाग लें। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा छात्रों को प्रोत्साहित किया है कि वे परीक्षा को सिर्फ एक चुनौती के रूप में न देखें,बल्कि इसे एक उत्सव के रूप में मनाएँ और अपनी पूरी क्षमता से इसका सामना करें।
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का इंटरैक्टिव स्वरूप इसकी सफलता का एक प्रमुख कारण है। इस कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों के साथ प्रधानमंत्री मोदी खुला संवाद करते हैं,जिससे छात्रों को सीधे तौर पर मार्गदर्शन प्राप्त होता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को यह समझाने का है कि वे अपने दबाव को दूर करें और अपनी मानसिक सेहत का ध्यान रखें। इसे एक ऐसे मंच के रूप में देखा जाता है,जो छात्रों को प्रेरित करता है और उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि परीक्षा केवल एक अवसर है, न कि किसी प्रकार का संकट।
इसके साथ ही,मानसिक सेहत और समग्र शिक्षा के महत्व के बारे में बढ़ती जागरूकता और स्वीकृति भी इस कार्यक्रम के सफलता में अहम भूमिका निभा रही है। यह छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य,तनाव प्रबंधन और परीक्षा के दौरान आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए एक प्रभावी प्लेटफार्म बन चुका है।
इस कार्यक्रम को और भी प्रभावशाली बनाने के लिए 12 जनवरी से 23 जनवरी 2025 तक,यानी राष्ट्रीय युवा दिवस से लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती तक, विभिन्न स्कूलों में कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों,अभिभावकों और शिक्षकों को परीक्षा पे चर्चा को उत्सव के रूप में मनाने में शामिल करना था। इन गतिविधियों में 1.42 करोड़ छात्रों,12.81 लाख शिक्षकों और 2.94 लाख स्कूलों ने भाग लिया।
इन गतिविधियों में विभिन्न प्रकार के मनोरंजक और रचनात्मक कार्यक्रम शामिल थे, जो छात्रों को मानसिक शांति,ध्यान केंद्रित करने और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते थे। छात्रों को खो-खो,कबड्डी जैसे स्वदेशी खेलों,छोटी दूरी की मैराथन,रचनात्मक मीम प्रतियोगिता,नुक्कड़ नाटक प्रदर्शनों और आकर्षक पोस्टर बनाने जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इसके अलावा,छात्रों को छात्र प्रशंसापत्रों के माध्यम से अपने अनुभव साझा करने, छात्र-नेतृत्व वाली चर्चाओं में भाग लेने और विश्राम के लिए योग और ध्यान सत्रों में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। इन गतिविधियों ने छात्रों को तनाव मुक्त करने,उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और परीक्षा के दौरान बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार किया।
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए,बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी महत्वपूर्ण है,क्योंकि यह उन्हें इस प्रक्रिया में भाग लेने और बच्चों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है। जन आंदोलन के रूप में पहचान बना चुके इस कार्यक्रम ने शिक्षा के पारंपरिक दृष्टिकोण को चुनौती दी है और इसे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास के साथ जोड़ दिया है।
समाज में बढ़ते मानसिक दबाव और तनाव को ध्यान में रखते हुए,परीक्षा पे चर्चा ने छात्रों के दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदलने का प्रयास किया है। यह न केवल परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करने के लिए एक प्रभावी उपाय है,बल्कि यह छात्रों को यह सिखाता है कि सफलता केवल अंकों में नहीं,बल्कि जीवन में खुश रहने,संतुलित मानसिकता रखने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने में है।
‘परीक्षा पे चर्चा’ एक ऐसा पहल है,जो न केवल परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए छात्रों का मार्गदर्शन करता है,बल्कि उन्हें अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए भी प्रेरित करता है। इस पहल ने शिक्षा के पारंपरिक ढाँचे को एक नई दिशा दी है,जिसमें छात्र केवल अपनी अकादमिक सफलता नहीं,बल्कि समग्र विकास और मानसिक शांति को भी महत्व देते हैं।