सिडनी,12 फरवरी (युआईटीवी)- हाल के ऑस्ट्रेलियाई शोध ने लंबे समय तक कोविड और मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस/क्रोनिक थकान सिंड्रोम (एमई/सीएफएस) वाले रोगियों में हिप्पोकैम्पस – स्मृति और सीखने के लिए महत्वपूर्ण मस्तिष्क क्षेत्र – में सूजन की पहचान की है। अल्ट्रा हाई-फील्ड मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) का उपयोग करते हुए,अध्ययन में पाया गया कि दोनों समूहों ने स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में काफी बड़े हिप्पोकैम्पस वॉल्यूम का प्रदर्शन किया। यह सूजन स्मृति समस्याओं और एकाग्रता संबंधी समस्याओं जैसी संज्ञानात्मक कठिनाइयों से जुड़ी थी।
अध्ययन में 17 लंबे सीओवीआईडी रोगी,29 एमई/सीएफएस रोगी और 15 स्वस्थ नियंत्रण शामिल थे। शोधकर्ताओं ने नोट किया कि बढ़ी हुई हिप्पोकैम्पस मात्रा न्यूरोजेनेसिस – नई मस्तिष्क कोशिकाओं के निर्माण या मस्तिष्क में वायरस की उपस्थिति के परिणामस्वरूप हो सकती है। ये निष्कर्ष दोनों स्थितियों में संज्ञानात्मक हानि के अंतर्निहित एक साझा तंत्र का सुझाव देते हैं।
यह शोध पिछले अध्ययनों पर आधारित है,जिसमें लंबे समय तक कोविड और एमई/सीएफएस वाले व्यक्तियों के मस्तिष्क तंत्र में संरचनात्मक परिवर्तनों की सूचना दी गई है,जो इन स्थितियों के न्यूरोलॉजिकल प्रभाव को और उजागर करता है।