मुंबई,21 फरवरी (युआईटीवी)- ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो को लेकर चल रहे विवाद में यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया,अपूर्वा मुखीजा और समय रैना के खिलाफ आरोप लगे हैं और अब महाराष्ट्र साइबर सेल इनसे जुड़ी जाँच कर रहा है। शुक्रवार को इन तीनों का बयान दर्ज किया जाएगा और वे महाराष्ट्र साइबर सेल कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित होकर अपना बयान देंगे।
महाराष्ट्र साइबर सेल ने पहले समय रैना को 18 फरवरी को तलब किया था,लेकिन वह जाँच के लिए हाजिर नहीं हुए थे। इसके बाद उन्हें गुरुवार को फिर से समन भेजा गया और अब उनसे जल्द-से-जल्द पेश होने की अपेक्षा की गई है। यह मामला उस समय और भी गंभीर हो गया,जब ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में रणवीर इलाहाबादिया द्वारा की गई अश्लील टिप्पणी को लेकर बवाल मच गया था। शो के सभी एपिसोड्स यूट्यूब से हटा दिए गए थे,जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पॉडकास्टर और उनके सहयोगियों को अगले आदेश तक यूट्यूब या अन्य किसी प्लेटफॉर्म पर शो प्रसारित करने से मना कर दिया था।
समय रैना ने इस विवाद पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने लिखा था,”जो कुछ भी हो रहा है,उसे संभालना मेरे लिए बहुत मुश्किल है। मैंने अपने चैनल से ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के सभी वीडियो हटा दिए हैं। मेरा एकमात्र उद्देश्य लोगों को हँसाना और अच्छा समय बिताना था। मैं सभी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करूँगा,ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी जाँच निष्पक्ष रूप से पूरी हो।” उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने विवाद के बाद पूरी तरह से सहयोग देने की बात की है और किसी भी तरह की अनजाने में की गई गलती को स्वीकार किया है।
महाराष्ट्र साइबर सेल ने इस मामले में अब तक शो में शामिल हुए करीब 40 लोगों की पहचान की है। शो में शामिल विभिन्न व्यक्तियों से पूछताछ जारी है,जिसमें मशहूर टीवी हस्तियाँ भी शामिल हैं। सिद्धार्थ तेवतिया (बप्पा),जो शो में एक जज के रूप में शामिल थे,को भी तलब किया गया है और उन्हें अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, शो में शामिल अन्य नामी मेहमानों में राखी सावंत,महीप सिंह, दीपक कलाल और अन्य का नाम भी सामने आया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी इस मामले में गंभीर चिंता व्यक्त की है और शो के मेकर्स,यूट्यूबर्स और अन्य संबंधित व्यक्तियों को तलब किया है। आयोग ने यह भी कहा कि यह मामला अपमानजनक और नस्लवादी टिप्पणियों से संबंधित है,जो कि महिलाओं और अन्य समाजिक वर्गों के खिलाफ आपत्तिजनक हो सकती हैं। आयोग ने आरोपियों से कहा है कि वे अपने बयान दर्ज कराएँ और यह सुनिश्चित करें कि यह जाँच निष्पक्ष और सही तरीके से पूरी हो।
इस पूरे विवाद में एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यूट्यूब जैसे मंचों पर कंटेंट को प्रसारित करने से पहले उसके प्रभाव और दर्शकों पर पड़ने वाले असर को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। विवाद के बाद यूट्यूब ने भी अपने प्लेटफॉर्म से संबंधित कंटेंट को जाँचने और हटाने की प्रक्रिया को और सख्त किया है।
इस जाँच के दौरान महाराष्ट्र साइबर सेल ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी संबंधित व्यक्तियों के बयान सही तरीके से दर्ज किए जाएँ। इस प्रकार का विवाद और जाँच निश्चित रूप से डिजिटल कंटेंट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के लिए एक चेतावनी है कि उनका कंटेंट किस प्रकार के संदेश प्रसारित करता है और उसका समाज पर क्या असर हो सकता है।
‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ विवाद में जो भी हुआ,उसने यह साबित किया है कि जिम्मेदार कंटेंट क्रिएशन और सार्वजनिक मंचों पर सामग्री की देखरेख की आवश्यकता है, ताकि किसी भी प्रकार की असंवेदनशीलता और अपमानजनक टिप्पणी से बचा जा सके।