ललित मोदी (तस्वीर क्रेडिट@garrywalia_)

आईपीएल संस्थापक ललित मोदी की बढ़ीं मुश्किलें,वानुअतु के पीएम जोथम नापत ने पासपोर्ट रद्द करने का दिया आदेश

नई दिल्ली,10 मार्च (युआईटीवी)- इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल ) के संस्थापक ललित मोदी को हाल ही में एक बड़ा झटका लगा है,जब वानुअतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेने का आदेश दिया। प्रधानमंत्री नापत ने वानुअतु के नागरिकता आयोग को निर्देश दिया है कि वह ललित मोदी को जारी किया गया वानुअतु का पासपोर्ट रद्द करे। यह घटना तब सामने आई जब यह जानकारी मिली कि ललित मोदी ने वानुअतु,जो कि दक्षिण प्रशांत में स्थित एक द्वीप राष्ट्र है,की नागरिकता प्राप्त कर ली थी। हालाँकि,अब वानुअतु सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाया है और ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है।

प्रधानमंत्री जोथम नापत द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया कि नागरिकता आयोग को ललित मोदी के पासपोर्ट को रद्द करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करनी चाहिए। नापत ने कहा कि ललित मोदी के वानुअतु नागरिकता आवेदन के दौरान की गई इंटरपोल स्क्रीनिंग और पृष्ठभूमि जाँच में कोई आपराधिक दोष सिद्ध नहीं हुआ था,लेकिन, प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 24 घंटों में यह जानकारी सामने आई कि इंटरपोल ने भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर ललित मोदी के खिलाफ अलर्ट नोटिस जारी करने से दो बार इनकार कर दिया था। इंटरपोल ने यह निर्णय लिया था क्योंकि उसके पास ललित मोदी के खिलाफ पर्याप्त न्यायिक साक्ष्य नहीं थे। इस कारण,भारतीय अधिकारियों का अनुरोध खारिज कर दिया गया और ऐसे में ललित मोदी का नागरिकता आवेदन भी अपने आप खारिज हो गया।

प्रधानमंत्री नापत ने आगे कहा, “वानुअतु पासपोर्ट रखना एक विशेषाधिकार है,न कि किसी का अधिकार। नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदकों के पास वैध कारण होने चाहिए। किसी भी आवेदक का यह इरादा नहीं हो सकता कि वह प्रत्यर्पण से बचने के लिए नागरिकता प्राप्त करे। ललित मोदी के मामले में हाल ही में जो तथ्य सामने आए हैं,उससे ऐसा प्रतीत होता है कि ललित मोदी का इरादा प्रत्यर्पण से बचने के लिए ही नागरिकता प्राप्त करना था। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी आवेदक को वानुअतु की नागरिकता तभी दी जा सकती है,जब उनके पास वैध और उचित कारण हो।

साल 2010 में ललित मोदी ने भारत छोड़ दिया था और तब से उनकी उपस्थिति और गतिविधियाँ काफी संदिग्ध रही हैं। माना जाता है कि वह वर्तमान में लंदन में रह रहे हैं। ललित मोदी को आईपीएल के संस्थापक के रूप में जाना जाता है,लेकिन उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप भी हैं। आईपीएल के अपने कार्यकाल के दौरान उन पर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगा था,जिसके बाद वह भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की वांछित सूची में शामिल हो गए थे। इन आरोपों के चलते ललित मोदी पर भारत में कई गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए भारतीय एजेंसियाँ लगातार प्रयासरत हैं।

हालाँकि,ललित मोदी ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया है और खुद को निर्दोष बताया है। उनका कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और उनका कोई आपराधिक कृत्य नहीं हुआ है। इसके बावजूद,भारतीय एजेंसियाँ उन्हें भगोड़ा मानती हैं और उनकी तलाश जारी है।

वानुअतु की नागरिकता प्राप्त करने के बाद,ललित मोदी ने अपनी स्थिति को और मजबूत किया था,लेकिन अब वानुअतु सरकार द्वारा उनकी नागरिकता रद्द करने के आदेश से उनके लिए नई मुश्किलें पैदा हो गई हैं। वानुअतु सरकार ने यह निर्णय उस समय लिया है,जब यह स्पष्ट हो गया कि ललित मोदी का इरादा प्रत्यर्पण से बचने का था,जो कि कानूनी दृष्टि से पूरी तरह से गलत माना जाता है। इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि ललित मोदी के खिलाफ कानूनी लड़ाई अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रह गई है,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

वानुअतु सरकार द्वारा यह निर्णय एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करता है कि किस प्रकार एक देश अपनी नागरिकता नीतियों के तहत विशेषाधिकार का दुरुपयोग नहीं होने देगा। साथ ही,यह भी स्पष्ट करता है कि प्रत्यर्पण से बचने के लिए नागरिकता प्राप्त करना किसी भी लोकतांत्रिक देश के कानूनों और नियमों के खिलाफ है। ललित मोदी के मामले में यह घटनाक्रम इस बात की ओर इशारा करता है कि दुनिया भर में कानूनी प्राधिकरण अब उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और किसी भी देश का सहयोग उनके खिलाफ कार्यवाही में किया जा सकता है।

यह मामला न केवल ललित मोदी की नागरिकता को लेकर महत्वपूर्ण है,बल्कि यह यह भी दिखाता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ और सरकारें भ्रष्टाचार,गबन और अन्य अपराधों के खिलाफ साझा रूप से काम कर रही हैं। ललित मोदी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया और कार्रवाई का यह दौर आने वाले समय में और भी दिलचस्प हो सकता है,क्योंकि उनका नाम अब कई देशों में विवादों और कानूनी जाँचों से जुड़ा हुआ है।