पोर्ट लुईस,11 मार्च (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपनी दो दिन की यात्रा पर मॉरीशस पहुँचकर वहाँ भारतीय समुदाय और स्थानीय नागरिकों से गर्मजोशी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री का यह दौरा भारतीय और मॉरीशस के रिश्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है,क्योंकि 2015 के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की पहली यात्रा है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी का स्वागत मॉरीशस के सर सीवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य रूप से किया गया। जैसे ही वह हवाई अड्डे पर पहुँचे,तो वहाँ उपस्थित भारतीय समुदाय और अन्य अधिकारी उन्हें देखकर काफी उत्साहित थे। स्थानीय लोग उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब थे और उनका स्वागत देखकर उनकी खुशी और उत्साह साफ नजर आ रहा था।
प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के बाद,वह सीधे ओबेरॉय होटल पहुँचे,जहाँ उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। होटल में उपस्थित लोगों से उन्होंने न केवल हाथ मिलाया,बल्कि उनके साथ बातचीत भी की। यह दृश्य कैमरे में कैद हुआ,जिसमें पीएम मोदी का सरल और सहज स्वभाव दिखाई दे रहा था। उनका यह स्नेहिल व्यवहार लोगों को बहुत भाया और वे प्रधानमंत्री से मिलकर बेहद खुश हुए। पीएम मोदी के इस व्यक्तिगत व्यवहार को देखकर यह संदेश गया कि वे न केवल एक नेता हैं,बल्कि अपने नागरिकों के साथ एक गहरा संबंध रखते हैं,जो उनके सामर्थ्य और नेतृत्व की एक विशेषता है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और मॉरीशस के रिश्तों में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होने वाली है। मोदी के इस दौरे को लेकर बहुत अधिक अपेक्षाएँ हैं, क्योंकि यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच सहयोग को और प्रगाढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह यात्रा मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह समारोह दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने का एक बड़ा अवसर होगा,क्योंकि राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारत और मॉरीशस दोनों देशों के सामरिक और सांस्कृतिक रिश्तों का विशेष महत्व है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारतीय और मॉरीशस के संबंधों को एक नई दिशा देने की क्षमता रखती है। 2015 में अपने पिछले दौरे के दौरान,मोदी ने भारत के विजन सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) को रेखांकित किया था और हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया था। यह यात्रा उसी विजन को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है,क्योंकि इसमें कई प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और समझौते किए जाएँगे,जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और वहाँ के प्रधानमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे। इसके अलावा,वह अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलेंगे और भारतीय मूल के समुदाय के सदस्य से बातचीत करेंगे,जो मॉरीशस के समाज और संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे में दो प्रमुख परियोजनाओं सिविल सर्विस कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन भी शामिल है। इन दोनों परियोजनाओं का निर्माण भारत की अनुदान सहायता से किया गया है और यह दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी को और प्रगाढ़ करेगा।
इसके अलावा,प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएँगे,जो दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य,व्यापार,लघु व मध्यम उद्यमों और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देंगे। इन समझौतों से भारत और मॉरीशस के रिश्तों को एक नई मजबूती मिलेगी और यह दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सामरिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अहम कदम साबित होगा। इस यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए एमओयू के जरिए दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग,व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति को भी मजबूती मिलेगी,जो भारत के पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण है। यह नीति भारत के विदेश नीति के तहत पड़ोसी देशों के साथ हर संभव सहयोग और साझेदारी के लिए प्रोत्साहित करती है,जिससे क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा मिले और सभी देशों के बीच समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से भारत और मॉरीशस के बीच न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती मिलेगी,बल्कि यह क्षेत्रीय सहयोग और सामरिक साझेदारी को भी नई दिशा देगा।
राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय रक्षा बलों की भागीदारी भी एक महत्वपूर्ण आकर्षण होगी। इस आयोजन में भारतीय नौसेना का एक दल,भारतीय नौसेना का जहाज,भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर,आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम और एनसीसी कैडेटों का एक समूह भी शामिल होगा। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि भारत और मॉरीशस के बीच रक्षा क्षेत्र में भी मजबूत संबंध हैं और दोनों देश इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस रक्षा सहयोग को देखते हुए,यह कहा जा सकता है कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक,सामाजिक और सामरिक रिश्ते पूरी तरह से समग्र हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री रामगुलाम के बीच बातचीत के दौरान कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा,जिन्हें भारतीय सहायता से क्रियान्वित किया गया है। इसके अलावा,व्यापार,क्षमता निर्माण और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होंगे। यह यात्रा भारत और मॉरीशस के रिश्तों को और मजबूत करेगी और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
मॉरीशस 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए एक ‘विशेष आमंत्रित’ देश था और इसके दौरान भारत और अन्य देशों के साथ वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का सह-शुभारंभ किया गया था। यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच स्थायी और मजबूत रिश्तों का प्रतीक है,जो उनके बीच साझेदारी को और बढ़ाएगी और रणनीतिक सहयोग के एक नए अध्याय को जन्म देगी।
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच सामरिक और सांस्कृतिक रिश्तों को प्रगाढ़ करेगी,बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी भारत के प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच साझेदारी को एक नई दिशा देगी और भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग को और भी मजबूत करेगी।