मुंबई,13 मार्च (युआईटीवी)- इंडसइंड बैंक के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो 27.06 प्रतिशत गिरकर 656.8 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। इस गिरावट का मुख्य कारण बैंक के द्वारा किए गए एक इंटरनल रिव्यू में पाया गया,जिसमें अनुमान लगाया गया कि इसके नेट वर्थ पर दिसंबर 2024 तक लगभग 2.35 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही,बैंक का स्टॉक पाँचवें लगातार सेशन में नुकसान दर्ज करने वाला था और यह गिरावट बैंक के इतिहास में एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट साबित हुई। इस घटना के बाद बैंक के बाजार मूल्य में लगभग 19,500 करोड़ रुपये की कमी आई है।
शेयर की कीमत में आई यह गिरावट न केवल इंडसइंड बैंक के लिए एक बड़ा झटका है,बल्कि यह बैंक के लिए एक कठिन दौर का संकेत भी है। बैंक का बाजार पूँजीकरण जनवरी 2024 में अपने शिखर से लगभग 78,762 करोड़ रुपये कम हो चुका है। इस गिरावट के परिणामस्वरूप,बैंक ने अपनी कुल संपत्ति में लगभग 2,100 करोड़ रुपये की कमी आने का अनुमान लगाया है,जो कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में पाई गई विसंगतियों के कारण हो रही है।
इस गिरावट की जानकारी के बाद,बैंक के कई शेयर ब्रोकरेजों ने अपने टारगेट प्राइस को घटा दिया है। विशेष रूप से,सिटी ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इंडसइंड बैंक को सक्सेशन के दृष्टिकोण से एक लिटमस टेस्ट का सामना करना पड़ेगा और बोर्ड को इस समय बाहरी और आंतरिक दोनों प्रकार के कैंडिडेट्स का मूल्यांकन करना पड़ सकता है। इसके अलावा,पीएल कैपिटल- प्रभुदास लीलाधर के गौरव जानी ने कहा कि उन्होंने इंडसइंड बैंक को ‘बाय’ से ‘होल्ड’ कर दिया है। उन्होंने आय की गुणवत्ता और भविष्य के नेतृत्व से संबंधित अनिश्चितताओं के कारण बैंक के मूल्यांकन को घटा दिया है।
बैंक के द्वारा किए गए इंटरनल रिव्यू में पाया गया कि डेरिवेटिव अकाउंटिंग में विसंगतियां थीं,जो कि 31 मार्च 2024 तक 5-7 साल के लिए हो सकती थीं, हालाँकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देश के बाद,1 अप्रैल 2024 से इस तरह की कोई भी विसंगति नहीं होगी। इस विसंगति के कारण बैंक के लिए परेशानी बनी हुई है। गौरतलब है कि हाल ही में आरबीआई ने बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुमंत कठपालिया को केवल एक वर्ष के लिए विस्तार देने का निर्णय लिया था,जो बैंक के नेतृत्व से जुड़ी चिंताओं को और बढ़ाता है।
इंडसइंड बैंक ने अपनी ट्रेजरी बुक में पाई गई विसंगतियों के लिए एक प्रमुख परामर्श फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया को नियुक्त किया है,ताकि इस मुद्दे का एक्सटर्नल रिव्यू किया जा सके। रिपोर्ट्स के अनुसार,पीडब्ल्यूसी से उम्मीद की जा रही है कि वे अगले दो से तीन सप्ताह में अपने निष्कर्ष पेश करेंगे। इस रिव्यू के बाद बैंक के लिए अपने वित्तीय आँकड़ों को सही करने और भविष्य में ऐसी विसंगतियों से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता होगी।
इंडसइंड बैंक के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यह पहले ही अपने वित्तीय और नेतृत्व संकट का सामना कर रहा है। बैंक को अब अपनी आंतरिक और बाहरी प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे,ताकि इसके निवेशकों का विश्वास वापस प्राप्त किया जा सके। इसके अलावा,बैंक को अपनी भविष्य की रणनीतियों को लेकर स्पष्टता दिखानी होगी,ताकि इसके स्टॉक की कीमत में पुनः सुधार हो सके।
यह स्थिति एक ऐसे समय में आई है,जब बैंक ने अपनी चौथी तिमाही की आय या वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में इस नुकसान की भरपाई करने की योजना बनाई है। यह वादा निवेशकों को यह विश्वास दिलाने के लिए किया गया है कि बैंक इस मुश्किल दौर से उबरने में सक्षम है। हालाँकि,इसका असर न केवल बैंक के लिए बल्कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र पर भी पड़ सकता है,क्योंकि किसी भी प्रमुख बैंक के लिए ऐसे मुद्दों का सामना करना उद्योग के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
इस स्थिति का असर केवल बैंक के स्टॉक पर ही नहीं बल्कि उसकी सार्वजनिक छवि पर भी पड़ सकता है। आने वाले समय में जब बैंक अपनी स्थिति को सुधारने के प्रयास करेगा,तो उसे निवेशकों के विश्वास को फिर से हासिल करने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। इसके साथ ही,बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस प्रकार की विसंगतियाँ न उत्पन्न हों और वह अपने व्यापारिक संचालन में पूरी पारदर्शिता बनाए रखे।
इस मामले में एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि बैंक को अपनी नेतृत्व व्यवस्था को भी लेकर स्पष्टता दिखानी होगी। बैंक के सीईओ के कार्यकाल को केवल एक साल के लिए बढ़ाए जाने का निर्णय और इसके बाद यह स्थिति सामने आना,यह दर्शाता है कि बैंक की नेतृत्व संरचना को लेकर कुछ अनिश्चितताएँ हैं। इस तरह की अनिश्चितताएँ न केवल निवेशकों के लिए बल्कि कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए भी चिंता का कारण बन सकती हैं।
इंडसइंड बैंक को अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने,नेतृत्व परिदृश्य को स्थिर करने और भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए तत्परता से कदम उठाने होंगे।