नई दिल्ली,14 मार्च (युआईटीवी)- भारत ने जाफर एक्सप्रेस हाइजैक मामले में पाकिस्तान के आरोपों को सख्त शब्दों में खारिज करते हुए उसे ही इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। भारत ने पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताते हुए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के आरोपों को नकारते हुए कहा कि भारत का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि वह अपनी आंतरिक समस्याओं का समाधान खुद करे,न कि दूसरों पर आरोप लगाने का काम करे।
भारत के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद का बड़ा केंद्र है और उसने अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवादियों को पनाह दी हुई है। साथ ही, जायसवाल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपने आंतरिक मामलों में असफल हो जाने के कारण लगातार भारत पर आरोप मढ़ रहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और हमेशा से ही शांति व स्थिरता के पक्ष में रहा है।
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफाकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस हाइजैक के मामले में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों का हाथ था,जो अफगानिस्तान में अपने आकाओं से संपर्क कर रहे थे और उनसे निर्देश ले रहे थे। खान ने इस हमले में भारत का हाथ होने का आरोप भी लगाया और कहा कि भारतीय एजेंसियाँ इस तरह के आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। पाकिस्तान का यह आरोप ऐसे समय में आया है,जब पाक-अफगान सीमा पर पहले ही तनाव जारी है और दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सैन्य संबंधों में खटास बनी हुई है।
भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह केवल एक कोशिश है,जिससे पाकिस्तान अपनी नाकामियों को छिपाना चाहता है। भारतीय प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि भारत कभी भी आतंकवाद के पक्ष में नहीं रहा है और न ही वह किसी विदेशी सरकार के द्वारा किए गए आतंकी हमलों को बढ़ावा देता है। भारत ने पाकिस्तान से सवाल किया कि जब वह खुद आतंकवाद से जूझ रहा है,तो उसे दूसरों पर आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण रहे हैं। पाकिस्तान हमेशा से अफगानिस्तान पर आरोप लगाता रहा है कि वहाँ स्थित आतंकवादी संगठन,जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी),पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अफगान भूमि का उपयोग करते हैं। हालाँकि,काबुल इस आरोप को बार-बार नकारता रहा है और दोनों देशों के बीच कई बार इस मुद्दे को लेकर तकरार हो चुकी है। पाकिस्तान का यह आरोप भी काबुल द्वारा नकारे जाने के बाद सामने आया है।
इस बीच, जाफर एक्सप्रेस हाइजैक के बाद पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में एक अन्य घटना सामने आई है, जिसमें बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने एक पैसेंजर ट्रेन को अगवा कर लिया था। इस ट्रेन में 400 सवारियाँ थीं और अगवा किए गए बंधकों को बचाने के प्रयास में पाकिस्तानी सेना ने 33 आतंकवादियों को मार गिराया था। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने इस घटना की जिम्मेदारी ली और दावा किया कि इस हमले में पाकिस्तान का कोई अन्य देश से संपर्क नहीं था। बीएलए ने पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाया कि वह अपनी हार छुपाने के लिए इस तरह के झूठ बोल रही है और उसने दावा किया कि पाकिस्तान सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए झूठी खबरें फैला रही है।
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए ) ने कहा कि पाकिस्तानी सेना को इस ऑपरेशन में कोई सफलता नहीं मिली और न ही वह अपने बंधकों को पूरी तरह से मुक्त कर सकी। बीएलए के प्रवक्ता जीयांड बलोच ने कहा कि जिन बंधकों को छुड़ाया गया था, उनमें बच्चे,महिलाएँ और बुजुर्ग शामिल थे,जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। बलूच ने पाकिस्तानी सरकार को चुनौती दी कि यदि वह सच्चाई जानना चाहती है,तो उसे निष्पक्ष पत्रकारों और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को घटनास्थल पर भेजकर जाँच करानी चाहिए और इसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए।
पाकिस्तान सरकार के इस बयान के बाद बीएलए ने यह भी कहा कि यह घटना पाकिस्तान सरकार और सेना की नाकामी को उजागर करती है। बीएलए का कहना था कि पाकिस्तानी सेना ने अपनी विफलता को छुपाने के लिए इस घटना को भारत के साथ जोड़ने की कोशिश की है,लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। बीएलए ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी मीडिया और सेना इस मामले में गलत सूचना फैला रहे हैं और सच्चाई को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं।
पाकिस्तान की ओर से भारत पर आरोप लगाने के बावजूद,बीएलए ने इस हमले की जिम्मेदारी ली और पाकिस्तान सरकार को चुनौती दी कि वह अपने दावों को साबित करें। बीएलए का कहना था कि यह हमला पूरी तरह से उनके द्वारा किया गया था और इसमें किसी भी विदेशी देश का हाथ नहीं था। बीएलए का यह भी कहना था कि अगर पाकिस्तानी सरकार ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है,तो उसे इसका वीडियो और तस्वीरें सार्वजनिक करनी चाहिए ताकि पूरी दुनिया को सच्चाई का पता चल सके।
इस विवादित मामले में भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया है। हालाँकि,पाकिस्तान और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के बीच यह संघर्ष अभी भी जारी है और दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें प्रस्तुत कर रहे हैं। इस स्थिति के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में दोनों देशों के बीच इस विवाद का समाधान किस दिशा में आगे बढ़ता है।