मवेशी

त्रिपुरा में बांग्लादेशी मवेशी तस्कर को बीएसएफ ने मौत के घाट उतारा

अगरतला, 20 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)- एक बांग्लादेशी व्यक्ति को शनिवार को भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे त्रिपुरा के एक गांव में बीएसएफ के जवानों ने उस समय मौत के घाट उतार दिया जब उसने अन्य कुछ लोगों के साथ मिलकर जवानों पर हमला किया। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने कहा कि 32 वर्षीय बांग्लादेशी मवेशी तस्कर बप्पा मियां को उत्तरी त्रिपुरा के याकूबनगर सीमावर्ती गांव में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात बीएसएफ के जवानों ने मार गिराया।

अधिकारी ने कहा कि जवानों ने एक गैर घातक हथियार, पंप एक्शन गन (पीएजी) से आत्मरक्षा में गोली चलाई क्योंकि बप्पा मियां के साथ लगभग 20 अन्य तस्करों ने एक तेज धार वाले हथियार से उन पर हमला किया।

बीएसएफ की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत और बांग्लादेश के लगभग 20 पशु तस्करों को सैनिकों ने चुनौती दी थी जब उन्होंने याकूबनगर गांव से मवेशियों को उठाने की कोशिश की थी।

विज्ञप्ति के मुताबिक, बीएसएफ के जवानों ने गैर घातक पंप एक्शन गन से कुछ राउंड फायरिंग की, जिसके बाद दोनों तरफ के तस्करों ने बीएसएफ पार्टी पर पथराव शुरू कर दिया। उनमें से कुछ ने बांग्लादेश की तरफ से सीमा बाड़ के तारों को काटना शुरू कर दिया।

बांग्लादेशी तस्कर बप्पा मियां पंप एक्शन गन के छरें से घायल होकर जमीन पर गिर गए, जबकि शेष तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए।

इसके बाद बांग्लादेश के मौलवीबाजार जिले के बटोली के रहने वाले बप्पा का शव बरामद किया गया और जल्द ही उसे बॉर्डर गार्डस बांग्लादेश को सौंप दिया जाएगा। बीएसएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और घटना की जांच कर रहे हैं।

हाल के वर्षों में बीएसएफ पारंपरिक हथियारों की बजाय गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है और सीमा अपराधों से निपटने के लिए रबर की गोलियां या रबड़ के बकशॉट या सॉफ्ट पॉलीमर की गोली या प्लास्टिक की गोलियों का इस्तेमाल कर रहा है।

बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर की त्रिपुरा की अंतरराष्ट्रीय सीमा में से 95 प्रतिशत से अधिक पर बाड़ लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। बॉर्डर गार्डस बांग्लादेश द्वारा उठाई गई आपत्तियों के कारण शेष हिस्से में अभी बाड़ नहीं लगाया जा सका है। अधिकारी ने कहा कि हम अगले कुछ महीनों में बाड़ लगाने का काम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

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