चेन्नई, 16 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)| अन्नाद्रमुक की पूर्व अंतरिम महासचिव वी.के. शशिकला ने कई ऑडियो क्लिपिंग के माध्यम और एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं को फोन कर कहा कि वह पार्टी में वापस आएंगी। शशिकला को आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार करने के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
अन्नाद्रमुक नेतृत्व ने सोमवार को पूर्व मंत्री और सांसद सहित पार्टी के 17 नेताओं को शशिकला के साथ संवाद करने के लिए निष्कासित कर दिया था।
शशिकला पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता की करीबी सहयोगी थीं। उन्होंने अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं को फोन करके कई बार पार्टी में लौटने का वादा किया था, जिसे पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट रूप से नकार दिया है।
पूर्व मंत्री और अन्नाद्रमुक नेता सीवी शणमुगम ने खुले तौर पर कहा था कि शशिकला की पार्टी में कोई भूमिका नहीं है और वह केवल जयललिता की सहयोगी थीं। इससे शशिकला के समर्थक नाराज हो गए थे और शणमुगम को पुलिस में शिकायत दर्ज करनी पड़ी थी कि उन्हें एक दिन में 500 से अधिक धमकी भरे कॉल आ रहे हैं, जिनमें जान से मारने की धमकी भी शामिल है।
अन्नाद्रमुक के प्रवक्ता पुझागेंधी, पूर्व मंत्री आनंदन और पूर्व सांसद चिन्नास्वामी उन 17 पार्टी पदाधिकारियों में शामिल हैं, जिन्हें पार्टी ने सोमवार को शशिकला के साथ संवाद के बाद निष्कासित कर दिया था।
ऑडियो क्लिपिंग जो बड़े पैमाने पर प्रसारित की जा रही हैं, पार्टी के इन वरिष्ठ नेताओं के निष्कासन के जवाब में थीं।
शशिकला ने नवीनतम ऑडियो क्लिपिंग में कैडरों से कहा है कि वह ओ. पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने की अनुमति देने के लिए तैयार थीं, लेकिन उन्होंने उनके खिलाफ जाकर जयललिता के स्मारक पर ‘धर्मयुद्ध’ शुरू किया।
पूर्व अंतरिम महासचिव ने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि उन्होंने के. पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया और फिर दोनों नेताओं ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा।
अन्नाद्रमुक की पूर्व नेता ने यह भी कहा कि वह अंतिम सांस तक पार्टी के लिए लड़ती रहेंगी।
शशिकला ने कहा कि अगर पार्टी का विघटन हो रहा है तो वह मूकदर्शक बनी नहीं रह सकतीं।
एक कैडर को फोन कॉल में शशिकला को यह कहते हुए सुना गया, “लॉकडाउन हटने के बाद मैं अन्नाद्रमुक के साथ नई पारी शुरू करूंगी और अम्मा (जयललिता) द्वारा पोषित पार्टी का निर्माण करूंगी और राज्य में अम्मा के शासन को वापस लाने का प्रयास करूंगी।”
“मैं चाहती हूं कि अन्नाद्रमुक अगली सदी में भी एक मजबूत ताकत बने रहे और मैं कैडरों के समर्थन से ऐसा करूंगी।”