मुंबई, 22 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने दिवालिया एयरलाइन के लिए कलरॉक-जालान कंसोर्टियम के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने मंगलवार को अपने फैसले में विमानन नियामक डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को जेट एयरवेज को स्लॉट आवंटित करने के लिए 90 दिनों का समय दिया।
इसने कहा कि यदि स्लॉट आवंटन निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा नहीं होता है, तो समाधान अवधि में विस्तार के लिए न्यायाधिकरण से संपर्क किया जा सकता है।
पिछले नवंबर में, जेट एयरवेज के समाधान पेशेवर ने एनसीएलटी में दिवालिया एयरलाइन के लिए कलरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान की सफल समाधान योजना प्रस्तुत की थी। एयरलाइन की लेनदारों की समिति (सीओसी) ने अक्टूबर 2020 में जालान और फ्रित्श की बोली को मंजूरी दी थी।
जेट एयरवेज का स्वीकृत कर्ज 8,000 करोड़ रुपये था।
दिसंबर में एक बयान में, कंसोर्टियम ने कहा था, “जेट 2.0 कार्यक्रम का उद्देश्य जेट एयरवेज के पिछले गौरव को पुनर्जीवित करना है, सभी मार्गों पर अधिक दक्षता और उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं और प्रणालियों के एक नए सेट के साथ।”
समाधान योजना के अनुसार, जेट एयरवेज भारत में अपने सभी ऐतिहासिक घरेलू स्लॉट संचालित करने और अंतरराष्ट्रीय परिचालन को फिर से शुरू करने का इरादा रखता है।