मुंबई, 3 जुलाई (युआईटीवी/आईएएनएस)- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख को कथित रिश्वत के आरोप में पूछताछ के लिए 5 जुलाई को तलब किया है। एक हफ्ते में देशमुख को यह तीसरा समन है। जांच से जुड़े ईडी के एक सूत्र ने बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी ने देशमुख को पांच जुलाई को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है।
देशमुख इससे पहले मामले में ईडी के दो समन में शामिल नहीं हुए थे।
29 जून को, देशमुख ने कोविड महामारी का हवाला देते हुए दूसरे समन में शामिल नहीं हुए थे और कहा कि वह किसी भी वीडियो या ऑडियो माध्यम से जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
देशमुख ने पिछले हफ्ते भी नागपुर में अपने आवास पर तलाशी के बाद ईडी के पहले समन में भाग नहीं लिया था। उन्होंने वित्तीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए और समय मांगा था।
राकांपा नेता ने यह भी कहा कि एजेंसी द्वारा उन्हें मामले में दायर प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) की एक प्रति प्रदान करने के बाद वह ईडी द्वारा मांगी गई सभी जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि ईडी ने उनके समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने के उद्देश्य को ‘स्पष्ट नहीं’ किया।
ईडी ने 26 जून को देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को कथित हफ्ता मामले में गिरफ्तार किया था। देशमुख के दो अधिकारियों की अपनी रिमांड कॉपी में, ईडी ने कहा कि दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच बार मालिकों से एकत्र किए गए 4 करोड़ रुपये से अधिक रूपये को दिल्ली में चार मुखौटा कंपनियों के माध्यम से नागपुर में देशमुख के धर्मार्थ ट्रस्ट को भेजे गए थे।
देशमुख (72), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के इस मामले में केस के आधार पर ईडी जांच का सामना कर रहे हैं।
मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने मार्च में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया था कि देशमुख ने बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे के लिए प्रति माह 100 करोड़ रुपये का संग्रह लक्ष्य निर्धारित किया था।