चेन्नई, 18 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)- रेनॉ निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 3,542 कर्मचारियों को मध्यस्थ, मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पी. ज्योतिमणि के आदेश के अनुसार वेतन समझौता लंबित रहने तक अंतरिम राहत मिलेगी। अंतरिम राहत के रूप में कंपनी के लिए कुल खर्च 70.84 करोड़ रुपये होगा।
आदेश के अनुसार, रेनो निसान ऑटोमोटिव के 3,542 कर्मचारियों में से प्रत्येक को 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 के बीच की अवधि के लिए 10,000 रुपये , माह और 1 अप्रैल, 2020 से जुलाई के बीच 5,000 रुपये प्रति माह की अंतरिम राहत का भुगतान किया जाएगा।
कंपनी को इस साल अक्टूबर से कर्मचारियों को तीन समान मासिक किश्तों में वेतन बकाया का भुगतान करने का आदेश दिया गया था।
श्रमिकों ने 20,000 रुपये प्रति माह की अंतरिम राहत की मांग की थी, जबकि कंपनी ने 3,542 श्रमिकों में से प्रत्येक को 100,000 रुपये की एकमुश्त राशि की पेशकश की थी, जो कि 35.42 करोड़ रुपये थी।
रेनॉल्ट निसान इंडिया थोझीलालार संगम (आरएनआईटीएस) और कंपनी प्रबंधन द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए श्रमिकों के बीच पहले का वेतन समझौता 31 मार्च, 2019 को समाप्त हो गया है।
यूनियन के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि यह पहली बार है जब देश के इस हिस्से में औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 10ए के तहत किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में कोई औद्योगिक विवाद मध्यस्थता के लिए गया है।
रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव इंडिया फ्रांसीसी कंपनी रेनॉल्ट और जापान की निसान मोटर कंपनी के बीच कार उत्पादन संयुक्त उद्यम है।
आरएनआईटीएस (38 मांगों) और रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव प्रबंधन (15 मांगों) दोनों द्वारा उठाई गई 53 मांगों पर मध्यस्थ फैसला करेगा।