नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने वेतन न मिलने के कारण बुधवार से एक हफ्ते की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। साथ ही वेतन न मिलने पर इस्तीफा देने की धमकी भी दी है। आरडीए के अध्यक्ष सुनील कुमार प्रसाद ने चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है, “जुलाई, 2020 से रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन का भुगतान न होने के कारण सभी रेजिडेंट डॉक्टर कल से हड़ताल पर जा रहे हैं। हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हम अगले 7 दिनों तक हड़ताल पर रहेंगे या तब तक हड़ताल पर रहेंगे जब तक कि हमारा पूरा वेतन नहीं दिया जाता। 20.02.2020 तक वेतन नहीं मिलने पर सभी रेजिडेंट डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। कल से सभी आपातकालीन सेवाओं को रोक दिया जाएगा।”
इससे पहले नागरिक निकाय द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने भी वेतन न मिलने के कारण काम बंद कर दिया था। 5 अक्टूबर से यहां के 200 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर और 300 नर्सिग कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
ये दोनों अस्पताल भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
वेतन के भुगतान में हो रही देरी को लेकर नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के बीच एक सियासी जंग रही है।
कुछ ही दिनों पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल के कर्मचारियों को वेतन न दिए जाने को लेकर जब भाजपा पर निशाना साधा था, तब मेयर ने उन पर जनता को अंधेरे में रखकर इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
कस्तूरबा अस्पताल के आरडीए अध्यक्ष ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें पिछले 4 साल से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के दौरान स्थिति गंभीर हो गई।
डॉ. सुनील कुमार प्रसाद ने कहा, “यह मामला अब राजनीतिक फुटबॉल बन गया है। अगर एमसीडी के पास पैसा नहीं है, तो उन्हें केंद्र या दिल्ली सरकार की मदद से इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। नहीं तो यह अस्पताल दिल्ली सरकार को सौंप देना चाहिए।”
डॉ. प्रसाद ने आगे कहा कि कोरोना योद्धाओं को सम्मान देने के लिए करोड़ों खर्च किए जाने के बजाय उस पैसे से योद्धाओं को वेतन देना चाहिए था। “वेतन पाना हमारा मूल अधिकार है। मैं सरकार से वेतन सुरक्षा अधिनियम लाने का भी अनुरोध करता हूं।”