नई दिल्ली, 20 दिसम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) ने उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में गोलीबारी की घटना में वांछित दो कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने यहां सोमवार को यह जानकारी दी। इन आरोपियों की पहचान दिल्ली के मलका गंज निवासी अशोक पुष्कर और दिल्ली के रामपुरा निवासी विकास खारी के रूप में हुई है। इन्हें 15 दिसंबर को शहर के पश्चिम विहार वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया था।
ऑपरेशन के बारे में जानकारी साझा करते हुए, पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) जसमीत सिंह ने कहा, 6 नवंबर को अशोक पुष्कर के एक दोस्त विक्की के परिवार के सदस्यों पर एक प्रतिद्वंद्वी समूह के सदस्यों ने पैसे के विवाद में हमला किया था। जवाबी कार्रवाई में, आरोपी – अशोक पुष्कर और विकास खारी – बाइक पर सवार होकर आए और एक प्रतिद्वंद्वी गुट के सदस्यों की ओर गोलीबारी की, जिसमें एक अरबाज नामक व्यक्ति घायल हो गया। इसके बाद दोनों गुटों में जमकर मारपीट हुई। अरबाज पर गोली चलाने के बाद, अरबाज के सहयोगी और परिवार के सदस्य हथियारों, लाठी, लोहे की रॉड से लैस होकर आए और दूसरे पक्ष (अशोक पुष्कर) के विभिन्न सदस्यों पर हमला किया और उनके घर में कई लोगों को चाकू मार दिया।
घटना के दिन से ही आरोपी अशोक और विकास दोनों फरार थे।
स्पेशल सेल की दक्षिणी रेंज को 15 दिसंबर को दो फरार अपराधियों की गतिविधि की सूचना मिली थी कि दोनों पश्चिम विहार के इलाके में छिपे हुए हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि दोनों आरोपी रात 10 बजे और रात 11 बजे के बीच पश्चिम विहार मेट्रो स्टेशन के पास आएंगे।
इसके बाद पुलिस टीम ने जाल बिछाकर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया और अशोक के पास से दो सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल प्वाइंट 32 व 8 जिंदा कारतूस यानी एक पिस्टल व 5 कारतूस तथा विकास खारी के पास से एक पिस्टल व 3 कारतूस बरामद किए।
डीसीपी ने कहा, इस संबंध में विशेष प्रकोष्ठ पुलिस स्टेशन में दोनों के खिलाफ कानून की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पूछताछ के दौरान आरोपी अशोक ने खुलासा किया कि वह विकास खारी के साथ मिलकर दूसरे पक्ष के सदस्यों पर फिर से हमला करने की योजना बना रहा था। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपित इससे पहले 2014 में हत्या के दो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार भी हो चुके हैं। दोनों एक ही जेल में बंद थे, जहां उनकी मुलाकात हुई थी।
वर्तमान में, दोनों दिल्ली में मौजूदा कोविड की स्थिति के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय के सामान्य आदेशों द्वारा अंतरिम जमानत पर जून 2020 से जेल से बाहर हैं। लेकिन इस साल सितंबर महीने में अदालत के आदेश के बाद भी दोनों में से किसी ने भी जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।