कोलकाता, 24 जनवरी (युआईटीवी/आईएएनएस) | भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह बताने को कहा है कि अनुशासनहीनता के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। कार्यालय सचिव प्रणमय रॉय द्वारा हस्ताक्षरित और राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार द्वारा अनुमोदित पत्र में लिखा गया है कि दो लंबे समय के नेता – जॉय प्रकाश मजूमदार और रितेश तिवारी पिछले कुछ दिनों से ‘पार्टी विरोधी बयान’ दे रहे थे, जिसे अनुशासन का घोर उल्लंघन माना गया है। दोनों नेताओं से 15 दिन के अंदर कारण बताने को कहा गया है और पूछा गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
पार्टी के सूत्रों ने संकेत दिया कि राज्य इकाई उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रही है और यदि वे संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते हैं, तो उन्हें निकाला भी जा सकता है।
यह पत्र केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर की राज्य के असंतुष्ट भाजपा नेताओं के साथ बैठक के कुछ दिनों बाद आया है। बैठक में विधायक सुब्रत ठाकुर और अशोक कीर्तनिया और हाल ही में राज्य महासचिव का पद गंवाने वाले सायंतन बसु शामिल थे।
बैठक में जॉय प्रकाश मजूमदार भी शामिल थे, जो बंगाल भाजपा के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। उन्हें पार्टी की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष पद से हटाकर प्रवक्ता के रूप में रखना पदावनति है। इसके अलावा तिवारी, तुषार मुखोपाध्याय और देबाशीष मित्रा भी बैठक में शामिल हुए।
बैठक के ठीक बाद भाजपा के राज्य महासचिव (संगठन) अमिताभ चक्रवर्ती ने 10 बागी नेताओं के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और पार्टी के बुनियादी प्रोटोकॉल और अनुशासन को तोड़ने पर केंद्रीय नेतृत्व के पास शिकायत दर्ज कराई थी। पार्टी के सूत्रों ने कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी राज्य इकाई को आश्वासन दिया है कि मामले को पूरी गंभीरता से लिया जाएगा।
हाल ही में शहर की सड़कों पर चक्रवर्ती के खिलाफ पोस्टर और होर्डिग लगाए गए थे, जो कथित तौर पर पार्टी के विद्रोही नेताओं के दिमाग की उपज थी। चक्रवर्ती ने ऐसे होर्डिग और पोस्टरों की तस्वीरें पार्टी आलाकमान को मेल की हैं।
पत्र के बारे में पूछे जाने पर, तिवारी ने कहा, मैं किसी की दया पर पार्टी में नहीं हूं। मैं तब से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं, जब मैं सिर्फ 18 साल का था और 32 साल बाद पार्टी के प्रति मेरे समर्पण को सही नहीं ठहराया जा रहा है। मैं निश्चित रूप से जवाब दूंगा।