नई दिल्ली, 7 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक मामला दर्ज किया है और दो फर्मो के खिलाफ जांच शुरू की है, जिसमें नयति हेल्थकेयर शामिल है। नयति हेल्थकेयर की चेयरपर्सन और प्रमोटर नीरा राडिया हैं, जो 2जी मामला और विवादित टेपकांड को लेकर सुर्खियों में रह चुकी हैं। गुरुग्राम की हेल्थ फर्म के साथ-साथ, ईओडब्ल्यू की एफआईआर में दर्ज एक अन्य कंपनी नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड है। दोनों पर 300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है जो एक ऋण के माध्यम से प्राप्त की गई थी।
नयति और नारायणी पर गुरुग्राम और विमहंस हॉस्पिटल दिल्ली के प्रिमामेद हॉस्पिटल परियोजनाओं में 2018-2020 के बीच 312.50 करोड़ रुपये की राशि के गबन और जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
यह शिकायत दिल्ली के आर्थोपेडिक सर्जन राजीव के. शर्मा ने दायर की थी।
सूत्रों के अनुसार, फर्मों ने विभिन्न जानेमाने ठेकेदारों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर और इन खातों में सीधे ऋण राशि हस्तांतरित कर बैंक ऋण से करोड़ों का गबन किया।
शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 400 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण और इक्विटी मनी को निकाल लिया गया है, जबकि गुरुग्राम अस्पताल की इमारत की हालत ‘पहले से भी बदतर’ हो गई है।
नयति हेल्थकेयर ने बाद में मामले के संबंध में एक बयान जारी किया।
बयान में कहा गया, “डॉ. शर्मा बोर्ड के सदस्य होने के नाते कंपनी के सभी कार्यों के लिए एक पार्टी और सिग्नेटरी (हस्ताक्षरकर्ता) थे। मतभेदों के कारण, जो डॉ. राजीव शर्मा की निगरानी में पिछले प्रबंधन की गतिविधियों के एक फोरेंसिक ऑडिट का संचालन करने के लिए उठे थे, उनमें दुरुपयोग के कुछ मसले सामने आए। इन मुद्दों को डॉ. शर्मा के समक्ष उठाया गया था और विधिवत रूप से शिकायत के रूप में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।”
मामले में आगे की जांच जारी है।