बेंगलुरु, 29 सितंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| कर्नाटक में पीएसआई घोटाले की जांच कर रहे आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने जेल में बंद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजीपी अमृत पॉल के खिलाफ अदालत में 1,406 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। एजेंसी के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। चार्जशीट बेंगलुरु की पहली एसीएमएम कोर्ट में पेश की गई है। मामले में आरोपी अमृत पॉल को 35वां आरोपी बनाया जा रहा है। सीआईडी जांच अधिकारी डीवाईएसपी बी.के. शेखर ने पॉल के खिलाफ 78 रिकॉर्ड, 38 गवाहों को घोटाले में उनकी भूमिका, अंजाम देने की साजिश और उप-निरीक्षकों के पदों के उम्मीदवारों से धन की वसूली का जिक्र किया है।
सूत्रों के अनुसार, सीआईडी ने घोटाले के संबंध में पहले ही चार्जशीट जमा कर दी थी, लेकिन इसमें पॉल का नाम और उनकी भूमिका का उल्लेख नहीं किया गया था।
जांच से पता चला है कि जिन आरोपियों ने उम्मीदवारों से पीएसआई पदों पर 1.35 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी, उन्होंने अपने सहयोगी शंभूलिंग स्वामी को पैसे दिए थे। सीआईडी ने उसके पास से 41 लाख रुपये जब्त किए थे।
भर्ती विभाग के एडीजीपी के रूप में काम करने वाले अमृत पॉल ने पीएसआई के 545 पदों की भर्ती घोटाला में अहम भूमिका निभाई थी। सूत्रों ने बताया कि भर्ती विभाग सुनीता बाई, आरपीआई मंजूनाथ और गार्ड से जुड़े अधिकारियों ने अमृत पॉल की भूमिका की पुष्टि करते हुए अपने बयान दर्ज किए हैं।
हालांकि, पॉल का कहना है कि यह घोटाला उनकी जानकारी के बिना हुआ था और उन्हें कोई पैसा नहीं मिला था। विपक्षी कांग्रेस ने घोटाले के सिलसिले में गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के इस्तीफे की मांग की है।