लखनऊ, 15 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| अब कम गम्भीर और बिना ऑपरेशन की जरूरत वाले मरीजों को पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में ही सभी स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मिल जाएगी। यहां लगा हेल्थ एटीएम सेहत से जुड़े सभी (60) जांच कर रोग के विषय में जानकारी दे देगा। लखनऊ के एसजीपीजीआई या केजीएमयू के विशेषज्ञ चिकित्सक से भी टेलीमेडिसिन के द्वारा सलाह ली जा सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल पर शीघ्र ही यह सेवा शुरू हो जाएगी। इस योजना के तहत सरकार प्रदेश के सभी पीएचसी (4600) पर हेल्थ एटीएम लगाएगी। इन पर जांच करने वालों को सरकार ट्रेनिंग भी देगी। यह व्यवस्था शुरू भी हो चुकी है।
दरअसल स्वास्थ्य क्षेत्र पर मुख्यमंत्री की विशेष निगाह है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज की स्तिथि सुधारने पर जोर दिया।
जानकारी के मुताबिक, केंद्रों में भी इलाज या दाखिले के लिए पहले जैसी मारामारी नहीं होगी, क्योंकि हफ्ते भर पहले योगी सरकार ने ‘एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज’ कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए 6 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निवेशकों को चयनित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए टेंडर जारी किए हैं। इन्हें खोलने में करीब 1525 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और केंद्र सरकार सब्सिडी का करीब 1012 करोड़ रुपये भार उठाएगी।
सरकार बिना किसी दुष्प्रभाव के रोगों को जड़ से खत्म करने वाले इलाज की परंपरागत विधाओं पर भी बराबर ध्यान दे रही है। इसके लिए गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय निमार्णाधीन है। चंद रोज पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर में 382 करोड़ की लागत से बने राष्ट्रीय यूनानी केंद्र का भी उद्घाटन किया।