मुंबई,19 दिसंबर (युआईटीवी)- मुंबई में हुए एक गंभीर बोट हादसे में 13 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 110 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है,जबकि पाँच लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस घटना के बाद मुंबई पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के लिए दो और बोट भेजी हैं और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुँच गए हैं। शुरुआती जाँच में यह सामने आया है कि हादसे के समय बोट में सवार किसी भी व्यक्ति ने लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी,जो कि एक गंभीर सुरक्षा चूक के रूप में देखी जा रही है।
हादसा मुंबई के प्रसिद्ध गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप की ओर जा रही एक निजी बोट,‘नीलकमल’ में हुआ। यह बोट करंजा के उरण इलाके में पलट गई। बोट में करीब 30 यात्री सवार थे,हालाँकि अभी तक सवारियों की सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। हादसे के तुरंत बाद नौसेना,जेएनपीटी,तटरक्षक बल,येलोगेट पुलिस स्टेशन की तीन बोट्स और स्थानीय मछुआरों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया।
घटनास्थल से सामने आई वीडियो में देखा जा सकता है कि बोट धीरे-धीरे डूब रही थी और लोग लाइफ जैकेट पहनकर दूसरी नावों में शिफ्ट हो रहे थे। बीएमसी आपदा नियंत्रण ने जानकारी दी कि यह बोट करीब 110 पर्यटकों और पाँच चालक दल के सदस्यों को लेकर विश्व प्रसिद्ध यूनेस्को हेरिटेज एलीफेंटा द्वीप पर जा रही थी। शाम करीब 5:15 बजे यह दुर्घटना हुई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हादसा उस समय हुआ जब भारतीय नौसेना की तेज गति वाली नाव ‘नीलकमल’ से टकरा गई। इस टक्कर के बाद बोट पलट गई और अधिकतर पर्यटक समुद्र में गिर गए, जो गेटवे ऑफ इंडिया से करीब 10 किलोमीटर दूर रायगढ़ तट पर उरण,करंजा के पास अरब सागर में गिर पड़े।
सूत्रों के अनुसार, हादसा तब हुआ जब भारतीय नौसेना की स्पीडबोट ने ‘नीलकमल’ से टक्कर मारी,जिससे बोट पलट गई और यात्री समुद्र में गिर गए। इस दुर्घटना के बारे में जानकारी मिलते ही भारतीय नौसेना के चार हेलीकॉप्टरों और मरीन पुलिस, भारतीय तटरक्षक,जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण सहित 15 अन्य जहाजों ने बचाव कार्य शुरू किया। इन बचाव कार्यों में स्थानीय मछुआरों और अन्य नावों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
‘नीलकमल’ के मालिक राजेंद्र पडटे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बोट अपनी नियमित पर्यटन यात्रा पर दोपहर 3:15 बजे रवाना हुई थी और कुछ ही घंटों बाद यह हादसा हुआ। उन्होंने इस हादसे के लिए भारतीय नौसेना की स्पीडबोट को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि “यह हमारी गलती नहीं थी।” उन्होंने बताया, “एक भारतीय नौसेना की स्पीडबोट ने पहले हमारी नाव को घेरा,फिर तेजी से आगे बढ़ी और फिर से तेज गति से वापस आकर हमारी नाव से टकरा गई। हालाँकि,सभी पर्यटकों ने लाइफ जैकेट पहन रखी थी,जो अब अनिवार्य हैं।”
भारतीय किसान एवं श्रमिक पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के महासचिव और पूर्व विधायक जयंत पी. पाटिल घटनास्थल पर मौजूद थे। संबंधित अधिकारियों की उन्होंने कड़ी आलोचना की,जिन्होंने इस दुर्घटना को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए और जिसके कारण ‘नीलकमल’ पानी में डूब गई। उन्होंने कहा कि यह पूरी घटना प्रशासन की लापरवाही का परिणाम थी।
मुंबई में भारतीय नौसेना के जहाज और नागरिक यात्री बोट के बीच टक्कर में हुई इस दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ ) से 2 लाख रुपये और घायल हुए लोगों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
नागपुर में विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक संक्षिप्त बयान देते हुए इस हादसे के बारे में जानकारी दी। वहीं,उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए मुंबई शहर के कलेक्टर संजय यादव और रायगढ़ कलेक्टर किसन जावले,साथ ही पुलिस उपायुक्त (बंदरगाह क्षेत्र) सुधाकर पठारे से संपर्क किया और उन्हें राहत कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
यह हादसा सुरक्षा नियमों की अवहेलना और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। बोट में सवार यात्रियों ने लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी,जो एक अहम सुरक्षा चूक थी और यह सवाल उठाता है कि क्या इस हादसे को रोका जा सकता था यदि सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता। इस हादसे के बाद,यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए और समुद्री यात्रा के दौरान सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए।
मुंबई में हुए इस बोट हादसे ने एक बार फिर समुद्री यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और इस हादसे के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और संबंधित अधिकारी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।