अरविंद केजरीवाल (तस्वीर क्रेडिट@VSMMEERUT)

दिल्ली चुनाव में हार के बाद केजरीवाल ने पंजाब में सीएम समेत मंत्रियों-विधायकों की अहम बैठक बुलाई

नई दिल्ली,10 फरवरी (युआईटीवी)- आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार, 11 फरवरी को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्य के मंत्रियों और विधायकों की एक अहम बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,इस बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों और 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद बुलाई गई है,जिसमें आम आदमी पार्टी को महज 22 सीटें मिली थीं,जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ और उसने 48 सीटें जीतीं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी की हार ने पार्टी के भीतर हलचल पैदा कर दी है और इसके परिणामस्वरूप यह बैठक बुलाई गई है,ताकि आगामी चुनावों के लिए रणनीतियाँ बनाई जा सकें। इससे पहले,रविवार को कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए दावा किया था कि पंजाब में 30 से अधिक आप विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं और पाला बदलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने दिल्ली चुनाव के नतीजों को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को दिल्ली में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है।

प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि, “अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले कहा था कि अगर मैं भ्रष्ट हूँ,तो लोग मुझे वोट नहीं देंगे,लेकिन उनकी हार के साथ ही उनके छल, झूठ और खोखले वादों का पर्दाफाश हो गया है।” बाजवा ने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब के लोगों ने अब आम आदमी पार्टी के असली चेहरे को देख लिया है। उन्होंने कहा कि, “केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाबियों को मूर्ख बनाने के लिए 2022 के चुनावों में बड़े-बड़े वादे किए थे,लेकिन आज तक पंजाब की महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह नहीं दिए गए हैं और खनन से 20,000 करोड़ रुपये जुटाने में भी वे विफल रहे हैं।”

बाजवा ने इस बात पर भी जोर दिया कि 2027 में भगवंत मान की सरकार का भी वही हश्र होगा,जैसा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के चुनाव परिणाम आम आदमी पार्टी के अंत की शुरुआत की ओर इशारा करते हैं। इस आलोचना के बाद,पंजाब में आम आदमी पार्टी की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं और विपक्षी दलों ने पार्टी की विफलताओं को प्रमुख मुद्दा बना दिया है।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली चुनाव की हार एक बड़ी चुनौती बन गई है, और पार्टी को अब अपनी आगामी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। पंजाब में पार्टी के नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं और भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद जो वादे किए गए थे, उनका पूरा न होना पार्टी के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है।

अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की बैठक में यह भी उम्मीद की जा रही है कि पार्टी पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कुछ नई रणनीतियाँ बनाएगी। 2027 के चुनाव में जीतने के लिए पार्टी को अपनी छवि को सुधारने और वादों को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। इस बैठक में पंजाब के आगामी चुनावों के लिए नीति निर्माण पर गंभीर विचार-विमर्श किया जाएगा,ताकि पार्टी आगामी चुनावों में जनता के विश्वास को फिर से हासिल कर सके।

यह कहा जा सकता है कि दिल्ली चुनावों में मिली हार ने आम आदमी पार्टी को एक बड़ा सबक दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस हार से सीखकर पंजाब और अन्य राज्यों में अपने अगले कदम कैसे उठाती है और अपनी स्थिति को कैसे सुदृढ़ करती है।