नई दिल्ली, 23 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारत सरकार, नागालैंड सरकार और विश्व बैंक ने मंगलवार को नागालैंड में स्कूलों के संचालन के साथ-साथ चुनिंदा स्कूलों में शिक्षण प्रथाओं और सीखने के माहौल को बेहतर बनाने के लिए 68 मिलियन डॉलर के प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना का नाम “नागालैंड : एनहैंसिंग क्लासरूम ऐंड रिसोर्सेज प्राजेक्ट” है। वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि यह प्राजेक्ट कक्षा निर्देश में सुधार करेगा; शिक्षकों के पेशेवर विकास के लिए अवसर पैदा करेगा; छात्रों और शिक्षकों को मिश्रित और ऑनलाइन सीखने के साथ-साथ नीतियों और कार्यक्रमों की बेहतर निगरानी की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी प्रणालियों का निर्माण भी करेगा।
इस तरह का एक एकीकृत दृष्टिकोण पारंपरिक वितरण मॉडल का पूरक होगा और कोविड-19 द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को कम करने में मदद करेगा।
नागालैंड में सरकारी शिक्षा प्रणाली में लगभग 150,000 छात्र और 20,000 शिक्षक स्कूलों में राज्यव्यापी सुधार से लाभान्वित होंगे।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव सी. महापात्र ने कहा कि नागालैंड में शिक्षा परियोजना छात्रों और शिक्षकों द्वारा सामना किए गए महत्वपूर्ण अंतराल को संबोधित करेगी और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
नागालैंड में वर्तमान में कमजोर स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्च र, शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के अवसरों की कमी और समुदायों की ओर से सीमित क्षमता के साथ स्कूल प्रणाली के प्रभावी ढंग से भागीदार बनने की चुनौतियां हैं। कोविड-19 महामारी ने इन चुनौतियों को और बढ़ा दिया है और राज्य की स्कूली शिक्षा प्रणाली में अतिरिक्त तनाव और व्यवधान पैदा किया है।
भारत में विश्व बैंक के कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि भले ही पिछले कुछ साल के दौरान भारत में स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है, लेकिन श्रम बाजार की बढ़ती मांगों को पूरा करने और भावी विकास को गति देने के लिए शिक्षा के परिणामों में सुधार की आवश्यकता बढ़ रही है। यह परियोजना सुधार और राज्य में ज्यादा लचीली शिक्षा प्रणाली के विकास की दिशा में नागालैंड सरकार के प्रयासों को समर्थन देने के लिए तैयार की गई है।
बहरहाल, इस समझौते पर भारत सरकार की तरफ से महापात्र; नागालैंड सरकार की तरफ से मुख्य निदेशक, स्कूली शिक्षा विभाग शानवास सी; और विश्व बैंक की तरफ से कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने हस्ताक्षर किए।
नागालैंड के शिक्षा प्रबंधन और सूचना प्रणाली (ईएमआईएस) को मजबूत बनाने से शिक्षा संसाधनों तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी; शिक्षकों और शिक्षा प्रबंधकों के लिए व्यावसायिक विकास और प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणालियों को समर्थन मिलेगा; स्कूल नेतृत्व सुविधाजनक और प्रबंधन बेहतर होगा; परीक्षा सुधारों को समर्थन मिलेगा।
शिक्षा विशेषज्ञ और इस परियोजना के लिए विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर कुमार विवेक ने कहा कि यह परियोजना राज्य के सुधार और स्कूलों में पढ़ाई के माहौल में सुधार के प्रयासों को समर्थन देगी जिससे वह बच्चों पर केंद्रित; आधुनिक, तकनीक कुशल शिक्षण और पढ़ाई के दृष्टिकोण में सहयोगी; और भावी झटकों के लिए लचीली हो सके।
इस रणनीति के तहत, नागालैंड के 44 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में से 15 को ऐसे स्कूल परिसरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां परियोजना अवधि के दौरान परिकल्पित सीखने के माहौल को तैयार किया जा सकता हो।
अंतर्राष्ट्रीय पुनर्गठन एवं विकास बैंक से मिलने वाले 6.8 करोड़ डॉलर की कर्ज परिपक्वता अवधि 14.5 वर्ष होगी, जिसमें 5 साल की ग्रेस अवधि शामिल है।