उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़,राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,पीएम मोदी,पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, (तस्वीर साभार राष्ट्रपतिभवन "x")

अंबेडकर की पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी, सोनिया गांधी और खरगे ने श्रद्धांजलि अर्पित की

नई दिल्ली,6 दिसंबर (युआईटीवी)- बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। संविधान का मसौदा तैयार करने में अम्बेडकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। जवाहरलाल नेहरू की प्रारंभिक कैबिनेट में बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर कानून और न्याय मंत्री के रूप में भी कार्य किया था।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर संसद भवन परिसर में उनकी प्रतिमा पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला,कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई केंद्रीय मंत्रियों,पूर्व एवं वर्तमान सांसदों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के शिल्पकार कहे जाते हैं। वे दलित पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते थे। भारतीय राजनीति में उन्होंने अपनी मेहनत तथा कर्मठता से महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया था। अस्पृश्यता के खिलाफ उन्होंने हमेशा संघर्ष किया तथा उन्होंने वंचितों के अधिकारों की वकालत की। 1956 में उनका निधन हो गया। संसद भवन परिसर में उनके 67 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी ने एक पोस्ट में साझा कर कहा कि, ” बाबा साहेब ने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वे भारतीय संविधान के निर्माता तो थे ही इसके साथ ही वे सामाजिक समरसता के अमर समर्थक भी थे। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस (पुण्यतिथि) पर उन्हें श्रद्धांजलि।”

एक्स पर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा दिए गए उद्धरण को लिखा, “हम सबसे पहले और सबसे आखिरी में भारतीय हैं – बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर। उसके बाद उन्होंने बाबासाहेब के बारे में लिखा कि वे स्वतंत्रता,समानता,बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आजीवन समर्थक थे।”

आगे उन्होंने बाबासाहेब के विचारों के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि, ” आज उनके 67 वीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर हमें उनके बेहतरीन योगदान भारत के संविधान को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए।”

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