प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की

अमेरिका ने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा का किया स्वागत,कहा मोदी-जेलेंस्की की मुलाकात युद्ध समाप्त करने में सहायक होगी

वाशिंगटन,24 अगस्त (युआईटीवी)- अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा का स्वागत किया है और कहा कि मोदी-जेलेंस्की की मुलाकात रूस-यूक्रेन के युद्ध को समाप्त करने में सहायक होगी। पूरी दुनिया की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात पर टिकी हुई थीं। शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि,संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भारत एक मजबूत साझेदार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कीव जा कर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मुलाकात कर बातचीत करने से संघर्ष को खत्म करने में सहायक हो सकता है।

आगे उन्होंने कहा कि,यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए यदि कोई अन्य देश सहायता करने के लिए तैयार है,तो उसका हम स्वागत करते हैं। लेकिन,इसमें यूक्रेन के लोगों के साथ बातचीत करना शामिल होना चाहिए और इसकी शुरुआत इस मामले में राष्ट्रपति जेलेंस्की की सोच को समझने से होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान,रूस-यूक्रेन संघर्ष को बातचीत और कूटनीति से शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता तथा सैद्धांतिक स्थिति की पुष्टि की। क्षेत्र में शीघ्र शांति की वापसी के लिए उन्होंने भारत की ओर से “सभी संभव तरीकों” से योगदान करने की तत्परता को भी दोहराया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कीव में द्विपक्षीय चर्चा के बाद कहा कि,मेरी यूक्रेन की यह यात्रा ऐतिहासिक थी। मैं इस महान राष्ट्र में भारत और यूक्रेन के मध्य के मित्रता को और अधिक गहरा करने के मकसद से आया हूँ। मेरे और राष्ट्रपति जेलेंस्की के मध्य सार्थक और सकारात्मक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि क्षेत्र में हमेशा शांति बनी रहनी चाहिए। मेरा स्वागत करने के लिए यूक्रेन की सरकार और वहाँ के लोगों को मैं धन्यवाद देता हूँ।

फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ,जिसके कुछ सप्ताह बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेनी अधिकारियों ने भारतीय छात्रों को देश से सुरक्षित निकालने में सहायता किया,जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की और यूक्रेनी अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी कर कहा गया कि सभी पक्षों के बीच दोनों नेताओं ने शीघ्र ही शांति बहाल करने के लिए व्यापक रूप से स्वीकार किए जाने वाले समाधान को विकसित करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए “ईमानदारी और व्यावहारिक जुड़ाव” की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया। इसमें यह भी कहा गया कि भविष्य में दोनों देशों के नेता द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक साझेदारी से रणनीतिक साझेदारी में ले जाने पर काम करेंगे।