वाशिंगटन,31 मार्च (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक चौकाने वाला बयान दिया,जिसमें उन्होंने तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का दावा पेश किया। ट्रंप ने कहा, “मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ” और यह बयान पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया। यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है,क्योंकि अमेरिकी संविधान के अनुसार,किसी भी व्यक्ति को केवल दो कार्यकाल (चार साल के दो राष्ट्रपति कार्यकाल) के लिए ही राष्ट्रपति बनने की अनुमति है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ट्रंप सच में तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का इरादा रखते हैं या फिर यह सिर्फ उनका एक और मजाक था?
30 मार्च को ट्रंप ने एनबीसी न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि “ऐसे कुछ तरीके हैं,जिनसे तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का रास्ता खोला जा सकता है।” हालाँकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पर विचार करना अभी बहुत जल्दी होगा। इस बयान से यह साफ हो गया कि ट्रंप केवल मजाक नहीं कर रहे थे,बल्कि इस बारे में कुछ गंभीर विचार कर रहे हैं। उनका यह बयान कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि ट्रंप के पहले के बयानों में हमेशा इस प्रकार की बातें मजाक के रूप में उठाई जाती रही थीं,लेकिन इस बार उनके शब्दों में एक गंभीरता थी।
1951 में लागू हुए अमेरिकी संविधान का 22वां संशोधन यह निर्धारित करता है कि कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता। यह संशोधन उस समय लाया गया था,जब फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने लगातार चार कार्यकाल पूरे किए थे और उसके बाद यह निर्णय लिया गया कि किसी एक व्यक्ति को इतने लंबे समय तक राष्ट्रपति पद पर नहीं होना चाहिए। इस संशोधन के बाद से, अमेरिकी राष्ट्रपति सिर्फ दो कार्यकालों के लिए ही चुने जा सकते हैं।
हालाँकि,ट्रंप के बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है। जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के नामांकन और फिर इस्तीफा देने से इस संविधानिक सीमा को बाईपास किया जा सकता है,तो उन्होंने कहा, “यह एक तरीका हो सकता है, लेकिन और भी तरीके हैं।” इस बयान ने और भी सवाल खड़े किए और ट्रंप की इस गंभीरता से यह इशारा मिला कि वह संविधान के तहत इस सीमा को तोड़ने के लिए किसी कानूनी रास्ते की तलाश कर रहे हो सकते हैं। हालाँकि,उन्होंने इस पर अधिक कुछ नहीं बताया और बाद में इस विषय पर चुप्पी साध ली।
यह बयान इस संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है कि ट्रंप पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं,जो मजाक के रूप में होते थे। उदाहरण के लिए,जनवरी में रिपब्लिकन हाउस से बात करते हुए उन्होंने मजाक करते हुए पूछा था, “क्या मैं फिर से चुनाव में खड़ा हो सकता हूँ ?” हालाँकि,इस बार उनके शब्दों में कुछ अलग था। वह इस मुद्दे पर सिर्फ मजाक नहीं कर रहे थे,बल्कि उनके शब्दों में गंभीरता झलक रही थी। यह संभव है कि वह राष्ट्रपति पद के लिए तीसरी बार चुनाव में खड़े होने के लिए किसी कानूनी रास्ते की तलाश कर रहे हों,लेकिन इस बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी।
संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि यह विचार पूरी तरह से असंवैधानिक होगा और इसे लागू करना बहुत ही मुश्किल है। अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन के तहत, किसी भी राष्ट्रपति को दो से अधिक कार्यकालों के लिए चुने जाने की अनुमति नहीं है। अगर ट्रंप तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए इस नियम को बाईपास करने की कोशिश करेंगे,तो यह संविधान का उल्लंघन होगा। इसके अलावा,अमेरिकी राजनीति में यह काफी विवादास्पद और अस्वीकार्य कदम होगा,क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के खिलाफ जा सकता है। इसके बावजूद,ट्रंप के बयान ने इस मुद्दे पर नई बहस को जन्म दिया है।
हालाँकि,ट्रंप के बयान का एक और पहलू यह हो सकता है कि वह केवल राजनीति में अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए ऐसे बयान दे रहे हों। वह अक्सर अपने बयानों से मीडिया का ध्यान आकर्षित करते हैं और अपने समर्थकों के बीच एक मजबूत छवि बनाने की कोशिश करते हैं। उनके इस बयान से यह भी संकेत मिलता है कि वह राष्ट्रपति पद के लिए अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर गंभीर हैं और आने वाले चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किसी भी रास्ते पर विचार कर रहे हैं।
यह संभावना भी है कि ट्रंप केवल अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को और मजबूत करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हों,ताकि वह अपने समर्थकों को उत्साहित कर सकें। यदि वह अगले चुनावों में अपनी उम्मीदवारी घोषित करते हैं,तो यह बयान उनकी रणनीतिक योजना का हिस्सा हो सकता है। अमेरिकी राजनीति में अक्सर ऐसे बयान दिए जाते हैं,जिनका उद्देश्य केवल लोगों का ध्यान आकर्षित करना और अपनी स्थिति को मजबूत करना होता है।
ट्रंप के इस बयान ने अमेरिकी राजनीति में एक नई बहस छेड़ी है और यह सवाल उठता है कि क्या वह वास्तव में तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए संविधानिक रास्ते पर विचार कर रहे हैं या यह सिर्फ एक और रणनीतिक बयान है। अभी इस पर कोई स्पष्टता नहीं है,लेकिन यह निश्चित रूप से इस मुद्दे पर चर्चा को और तेज कर देगा।