प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@garrywalia_)

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ को लेकर अपनाएँगे ‘टिट फॉर टैट’ की पॉलिसी

नई दिल्ली,14 फरवरी (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 3 बजे हुई। इस मुलाकात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दोनों देशों के बीच व्यापारिक मुद्दों,विशेष रूप से टैरिफ और व्यापार घाटे पर चर्चा थी। इस बैठक के बाद,एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया,जिसमें दोनों नेताओं ने व्यापार,सुरक्षा,आतंकवाद और परमाणु सहयोग जैसे अहम विषयों पर अपनी बात रखी।

इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को एक “टफ नेगोशिएटर” (मोल-भाव करने वाला) बताते हुए कहा कि वह मोल-भाव में पीएम मोदी से मुकाबला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “मैंने अपने दोस्त मोदी को बहुत मिस किया।” ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री मोदी का व्यापारिक वार्ता के मामले में कोई मुकाबला नहीं है और वे अत्यधिक प्रभावी हैं।

इसके साथ ही,ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी वस्तुओं पर बहुत अधिक टैरिफ लगाता है,खासकर ऑटोमोटिव एक्सपोर्ट सेक्टर में। उनका कहना था कि भारत के टैरिफ अमेरिकी उत्पादों के लिए बहुत ऊँचे हैं और इसके परिणामस्वरूप व्यापार में असंतुलन पैदा होता है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को इस व्यापार घाटे को कम करने के लिए बातचीत करनी चाहिए और इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।

ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि दोनों देशों के बीच करीब 100 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने के लिए वे मिलकर काम करेंगे। उनका मानना था कि दोनों देशों को एक “लेवल प्लेइंग फील्ड” यानी समान अवसरों के साथ व्यापार करना चाहिए। इसके अलावा,उन्होंने कहा कि अमेरिका तेल और गैस की बिक्री के माध्यम से इस व्यापार घाटे को बहुत जल्दी पूरा कर सकता है,क्योंकि यह एक बड़ा स्रोत है जो व्यापार असंतुलन को दूर कर सकता है।

इसके अलावा, ट्रंप ने अपने प्रशासन की व्यापार नीति के बारे में कहा कि वे भारत के साथ कई बड़े व्यापार सौदों की घोषणा करने वाले हैं। यह संकेत दे रहे थे कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दोनों नेताओं ने इस पर भी सहमति जताई कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को दोगुना किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 500 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाए। इस प्रस्ताव के तहत, भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते को एक नई दिशा में ले जाने का प्रयास किया जाएगा,जिसमें दोनों देशों के लिए समान रूप से लाभकारी और संतुलित व्यापार संबंधों की स्थापना की जाएगी।

इस साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने भारत को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझीदार के रूप में देखा और यह उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में और वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस मौके पर कहा कि भारत अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को और मजबूती से बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और इससे दोनों देशों को वैश्विक स्तर पर लाभ होगा।

साथ ही,पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ाना आवश्यक है,ताकि दोनों देशों के हितों की रक्षा की जा सके और वैश्विक सुरक्षा में योगदान दिया जा सके। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि यह मुद्दा उनके सहयोग का अहम हिस्सा रहेगा।

इस मुलाकात से यह स्पष्ट हो गया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक, सुरक्षा और राजनीतिक संबंधों में एक नई दिशा आ रही है। ट्रंप और मोदी दोनों इस बात पर सहमत थे कि आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने की आवश्यकता है और इसके लिए दोनों देश तैयार हैं।